कोटखाई प्रकरण पर तपेगी विधानसभा

By: Feb 12th, 2018 12:16 am

बजट सत्र के दौरान कानून व्यवस्था पर आमने-सामने होंगी भाजपा-कांग्रेस

शिमला – विधानसभा के बजट सत्र में अबकी बार कोटखाई प्रकरण पर फिर घमासान मच सकता है। इस मसले पर जहां विपक्षी कांग्रेस भाजपा सरकार को घेर सकती है, तो वहीं सरकार ने इसे लेकर पूरी तैयारी कर दी है। विधानसभा सत्र में राज्य में कानून व्यवस्था के मसले पर दोनों पक्ष एक-दूसरे को घेर सकते हैं। हिमाचल के बहुचर्चित कोटखाई छात्रा गैंगरेप-मर्डर मामले में कोई प्रगति न होने पर विधानसभा सत्र में यह मसला फिर उठने की संभावना है। कांग्रेस इस मसले पर अब भाजपा की नई सरकार को घेर सकती है। भाजपा विपक्ष में रहते हुए कोटखाई प्रकरण को जोर-शोर से उठाती रही है, तो अब जबकि राज्य में भाजपा की सरकार बनी है, तो कांग्रेस भी अब इसी मसले पर सरकार से जवाब मांग सकती है। कांग्रेस लगातार कहती आई है कि भाजपा इस मसले पर राजनीति करती आई है और यह भी आरोप रहा है कि भाजपा से इस मसले पर सहयोग नहीं मिला है। ऐसे में अब जबकि खुद भाजपा सरकार सत्ता में आई है, तो उससे भी इसका जवाब कांग्रेस लेना चाहेगी। कांग्रेस ने इसे लेकर रणनीति भी तैयार करनी शुरू कर दी है। विपक्षी कांग्रेस अब भाजपा सरकार से अब तक इस प्रकरण को लेकर की गई कार्रवाई को लेकर जवाब मांग सकती है। कांग्रेस राज्य की भाजपा सरकार से अब पूछ सकती है कि आखिर उसने खुद पीडि़ता को न्याय दिलवाने कि लिए क्या किया। भाजपा भी भली-भांति जानती है कि कांग्रेस यह मसला इस सत्र में उठा सकती है।

सूरज हत्याकांड की गुत्थी ही सुलझी

सीबीआई इस प्रकरण से जुड़ा सूरज हत्याकांड ही सुलझा पाई है। इस हत्याकांड में पुलिस की भूमिका ही सवालों के घेरे में है और सीबीआई ने इस मामले में तत्कालीन आईजी जहूर जैदी, शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी और पूर्व डीएसपी ठियोग मनोज जोशी सहित नौ पुलिस कर्मियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। इनमें एसपी डीडब्ल्यू नेगी को छोड़कर बाकी सभी आठ पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया जा चुका है। हालांकि यह बात अलग है कि इस मामले में अभी भी तीन अफसरों को केस चलाने की अनुमति नहीं मिल पाई है।

गलत नंबर से चार दिन टे्रस नहीं हो पाई लोकेशन

युवती के परिजनों ने छह फरवरी को कोटला पुलिस चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन युवती का फोन नंबर गलत नंबर दिया था। ऐसे में पुलिस अब तक परिवार के बताए स्थानों पर ही जांच पड़ताल कर रही थी। लेकिन चार दिनों के बाद भी पुलिस मोबाइल लोकेशन को लेकर कोई गंभीर कार्य नहीं हो पाया था।  वहीं पुलिस विभाग की मानें तो युवती के परिजनों ने नौ फरवरी को सही नंबर दिया था। उधर, एसपी कांगड़ा संतोष पटियाल ने बताया कि इससे पहले प्रदान किया गया नंबर गलत था, जिसके कारण उचित जांच नहीं हो पाई।


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