कोटला कलां में शिव महिमा का गुणगान

ऊना —प्राचीन महादेव मंदिर कोटला कलां में आठ दिवसीय शिवपुराण कथा का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। गुरुवार कोे ब्रह्मलीन मंहत चन्नानंद के आशीर्वाद से महंत मंगलानंद ने पूजा-अर्चना कर शिवकथा आंरभ करवाई। श्रीकृष्ण निवास हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी गिरधर गिरि जी महाराज ने शिव कथा को शुरू करते कहा कि भगवान शिव सबकी मनोकामना पूर्ण करने वाले देवता हैं। महाराज ने कहा कि शिवपुराण को स्वयं शिव ने गाया है और इसकी रचना भगवान शिव ने की है। भगवान शिव ने पहली कथा नंद किशोर को सुनाई। वहां से संत कुमार, फिर व्यास जी, उसके उपरांत शुकदेव ने यह कथा सनकादि ऋषियों को सुनाई। उन्होंने कहा शिव पुराण सुनने मात्र से उद्धार होता है। जीवन में जो हम कर्म करते हैं, उनका फल पाप व पुण्य के रूप में मिलता है। जीवन में यदि दुख आ रहा है, तो समझ लें कि हमने पाप कर्म किए हैं। यदि सुख मिल रहा है, तो हमारे कर्म पुण्य रूपी हैं। कथा व्यास जी ने कहा कि भजन करना है, तो भोजन कम करो। भोजन उतना करें, जितना पच जाए। इतना मत चलो, जितना चल सकते हैं, बल्कि उतना चलो, जिस से मंजिल मिल जाए।  उन्होंने कहा कि भगवान शिव जहां श्रीराम की पूजा करते हैं, वहीं श्रीराम भी महादेव की आराधना करते हैं। जब देवताओं के अंदर झगड़ा नहीं है, तो हम आपस में क्यों झगड़ते है। गाय की सेवा के लिए हम सबको प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्र सभी को मान्यता देते हैं, किसी का अनादर करना नहीं सीखाते हैं।