खदाल में विराजे 11 मुखी हनुमान

By: Feb 19th, 2018 12:10 am

ददाहू, श्रीरेणुकाजी —श्रीरेणुकाजी के खदाल में 11 मुखी हनुमानजी की मूर्ति स्थापना के छह दिवसीय कार्यक्रम में शोभायात्रा के बाद सुंदर कांड, विशेष पूजा तथा भजन-कीर्तन के कार्यक्रम से माहौल भक्तिमय बना हुआ है। इस दौरान यहां आचार्य शिव प्रसाद शास्त्री जी ने बताया कि 11 मुखी हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए प्रथम दिन लगभग 12 क्विंटल अन्न में मूर्तियां रखकर पूजा की गई। उन्होंने बताया कि 11 मुखी हनुमान मूर्ति की वर्णन वाल्मीकि रामायण में उस समय मिलता है जब मायावी रावण श्रीराम और लक्ष्मण को मारने के लिए पाताल लोक में विभीषण का रूप धारण कर उठाकर ले गया, जिसके बाद हनुमान जी राम और लक्ष्मण को ढूंढते हुए पाताल लोक पहुंचे। यहां उन्होंने 11 मुखी रूप धारण कर मायावी रावण का खड़ग से वध कर दिया। आचार्य श्री शिव प्रसाद ने बताया कि 11 मुखी हनुमान जी के रूप में गोमुख, जो कि समस्त इच्छाओं को पूरा करने वाला है। वानर रूप यह भक्ति का प्रतीक है। गणेश जी रूप चतुराई तथा विघ्ननाशक बुद्धि का प्रतीक है। वाराह रूप पृथ्वी का उद्धारक, ब्रह्ममुख समस्त सृष्टि का उत्पन्न कारक, हनुमान रूप जो कि बल, बुद्धि, विद्या तथा दास्य भाव को प्रकट करता है। हनुमान जी के 11 रूप में नृसिंह रूप अहंकार दुष्टों के विनाशकर्ता भक्तों के रक्षक, अश्व रूप रण संधारक, अग्नि रूप दुष्टों को मारने में प्रचंड दावानल

स्वरूप, मकर रूप में दुष्टों के

प्रति दुष्ट ग्रह रूप तथा मत्स्य रूप में धर्म तथा वेदों के रक्षक के रूप में वर्णित है। उन्होंने बताया कि हनुमान जी साक्षात रूद्र अवतार हैं। गौर हो कि रेणुकाजी तीर्थ के खदाल में श्री हनुमान जी के 11 मुखी मूर्ति क्षेत्र में पहली बार स्थापित की जा रही है , जिसका स्थापना कार्यक्रम 21 फरवरी को संपन्न होगा।


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