चालू वित्त वर्ष में हस्तशिल्प निर्यात में गिरावट की आशंका

नई दिल्ली— माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के रिफंड से जुड़ी दिक्कतों और वैश्विक बाजार में कम मांग के चलते चालू वित्त वर्ष में हस्तशिल्प निर्यात 3.5 फीसदी तक गिर सकता है। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के चेयरमैन ओपी प्रहलादका ने कहा कि सरकार को कर रिफंड तत्काल शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि निर्यातक तरलता के संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा, करीब 3500 करोड़ रुपए अटके पड़ा हैं, जो हस्तशिल्प निर्यातकों को प्रभावित कर रहा है। यह कारोबार मुख्यतः सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र में है। इन देरियों और अन्य कारणों के चलते 2017-18 में इसका निर्यात 3.5 फीसदी तक गिर सकता है। सरकार ने रिफंड के लिए कोई समयसीमा नहीं तय की है। निर्यातकों को छोटी सी पूंजी से काम करना पड़ रहा है और ब्याज दरों के चलते वे बैंकों से भी उधार लेने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमने सरकार से ऋण पर ब्याज छूट को भी तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने के लिए कहा है। वर्ष 2016-17 इस क्षेत्र का निर्यात 24500 करोड़ रुपए रहा था।