जरूरतमंदों की मदद कर रहा स्कूल प्रशासन

गरली— धरोहर गांव गरली का सरस्वती वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में  गरीब परिवार के मासूम छात्र-छात्राओं के लिए वरदान साबित होने लगा है। यहां विगत 12 वर्षों से लगातार अलग-अलग गांवों के करीब बीस लाचार  बेसहारा बच्चों को  स्कूल प्रशासन न केवल निःशुल्क शिक्षा ही नहीं, बल्कि अपने जेबी खर्चे से स्कूल ड्रैस वर्दी व कापी-किताबें भी मुहैया करवा रहा है, जो कि इलाके में एक किसी मिशाल से कम नहीं है।  जानकारी देते हुए स्कूल प्रधानाचार्य ललित शर्मा ने बताया कि करीब 12 वर्ष पहले निकटवर्ती गांव अलोह चंबियाला से  अतिनिर्धन अपाहिज विनोद कुमार के बेटा-बेटी को यहां निःशुल्क एडमिशन देकर यह प्रथा शुरू की थी, उसके पश्चात एक-एक करके अब बीस ऐसे बच्चों को शिक्षा मुहैया करवाई जा रही  है, जो पढ़ाई का खर्चा उठाने मे असमर्थ है। स्कूल प्रधानाचार्य ललित शर्मा ने यह भी बताया कि यह सिलसिला लगातार इसी तरह जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य मे क्षेत्र का कोई भी ऐसा होनहार बच्चा जो पढ़ाई करना चाहता है, लेकिन घर की आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई उसके लिए बाधा बनने लगी है तो मायूस होने की जरूरत नहीं है  तो उक्त छात्र को  भी हम यहां अपने स्कूल में इसी तरह निःशुल्क सुविधा मुहैया करवाएंगे। बताते चलें कि कई निजी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं से एक सामान मुंह मांगी रकम वसूल कर उन्हें तालीम दी जाती है, लेकिन गरली के सरस्वती स्कूल प्रबंधक ने बिना किसी लालच से गरीब परिवार के मासूम बच्चों को पढ़ाना का जो बीड़ा उठाया है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। शायद हिमाचल मे कोई ही ऐसा निजी स्कूल होगा, जो क्षेत्र के निर्धन लाचार बच्चों को इस तरह बिलकुल फ्री पढ़ा रहा हो, वहीं प्रदेश शिक्षा विभाग को चाहिए कि किसी विशेष ऐसे निजी स्कूलों को इस नेक कार्य के लिए सम्मानित करना चाहिए।