जोर का झटका…दो सौ की पेंशन बंद

हमीरपुर – हमीरपुर के दो सौ पेंशनरों की पेंशन बंद कर दी गई है। अरसे से जीवित प्रमाण पत्र प्रस्तुत न करने पर इनकी पेंशन पर रोक लग गई है। ऐसे में ये पेंशन से वंचित हो गए हैं। हालांकि इससे पहले यह आंकड़ा दो सौ से अधिक था। पेंशन पर रोक के बाद कुछ लोगों ने जीवित प्रमाण पत्र पेंशनर ब्रांच में जमा करवा दिए हैं। इसके बाद इनकी पेंशन बहाल हो पाई है। वहीं विभाग भी असमंजस में है कि जीवित प्रमाण पत्र प्रस्तुत न करने वालों की पेंशन कैसे रिलीज की जाए। इनके परिजन भी इस संबंध में विभाग को सूचित नहीं कर रहे हैं। अगर किसी पेंशनर की मृत्यु हो जाती है, तो इसका प्रमाण भी विभाग को देना आवश्यक है। इसका प्रमाण प्रस्तुत करने के बाद ही आश्रित को पेंशन लग सकती है। विभाग को इस संदर्भ में भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। अब विभाग ने इन पेंशनरों की पेंशन रोक दी है। विभाग की मानें तो अगर पेंशन जारी होती है तो यह नियमों के विरुद्ध है। बताते चलें कि पेंशनर ब्रांच हमीरपुर से हजारों पूर्व पेंशनरों को पेंशन जारी होती है। हर साल विभाग के पास जीवित प्रमाण पत्र पेंशनर को देना पड़ता है। यदि कोई पेंशनर चलने-फिरने में असमर्थ है तो आश्रित इसका प्रमाण प्रस्तुत कर सकते हैं। अब तो जीवित प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन कर दिया गया है। महज एक फिंगर प्रिंट से जीवित होने का प्रमाण मिल जाता है। विभाग हर साल अप्रैल से जुलाई के मध्य जीवित प्रमाण पत्र मांगता है। इस दौरान यदि कोई पेंशनर औपचारिकता पूरी नहीं करता है तो तीन से चार महीने पेंशन जारी करने के बाद बंद कर दी जाती है। विभाग द्वारा तय किए गए समय के अनुसार 200 से अधिक पूर्व पेंशनरों ने जीवित प्रमाण पत्र जमा नहीं करवाए थे। कुछ महीने पेंशन जारी करने के बाद विभाग ने अब बंद कर दी है। पेंशन बंद होने के बाद कई पेंशनर व उनके आश्रित विभाग के कार्यालय पहुंचे। यहां पहुंचकर इन्होंने जीवित प्रमाण पत्र जमा करवाया है। अब भी 200 पेंशनरों के जीवित होने का प्रमाण नहीं मिल पाया है। इस कारण पेंशन रोक दी है।