देव वाद्य यंत्रों से गूंज उठा गोशाल 

मनाली —42 दिनों के बाद स्वर्ग प्रवास से लौटे कुल्लू घाटी के आराध्य देवों ने रविवार को भविष्यवाणी की। देवताओं ने गूर के माध्यम से मानव जगत के लिए 2018 मिला जुला बताया। स्वर्ग प्रवास से लौटे महाऋषि गौतम-महाऋ षि व्यास व कंचन नाग द्वारा रविवार को कुल्लू घाटी के सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में दुनिया भर में होने वाले घटनाक्रम से अवगत करवाया गया। सुबह ही ऐतिहासिक गांव देव वाद्य यंत्रों से गूंज उठा। अपने आराध्य देवों के स्वर्ग प्रवास से लौटने को लेकर उत्सुक ग्रामीणों व देवता के कारकूनों ने देव विधिपूर्वक देवता का स्वागत किया। दोपहर बाद देवता के कारकूनों ने देव वाद्य यंत्रों के बीच देव विधि से कार्रवाई शुरू की। समस्त कुल्लू घाटी के लोगों ने गोशाल गांव में दस्तक देकर अपनी उत्सुकता प्रकट की। सभी कारकूनों व देवलुओं के देवालय में पहुंचते ही गोशाल गांव का माहौल भक्तिमय हो उठा। कारकूनों व पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना के बाद विधिपूर्वक मृदा लेप को हटाया गया।  देवता के गूर व कारकूनों ने बर्फ   के बीच देव विधि को पूरा किया। मृदा लेप से जहां कुमकुम, फूल, जौ का छिलका, सेब के पत्ते निकलने से ग्रामीण खुश हुए वहीं, काले बाल व कोयला निकलने से ग्रामीण चिंतित भी दिखे। देवता ने वर्ष 2018 दुनिया के लिए कुछ अच्छा तो कुछ बुरा बताया । उन्होंने गूर के माध्यम से घाटी में कही सेब की फसल अच्छी तो कहीं कम होने की बात कही। देवता के पुजारी चमन लाल, कारदार हरि सिंह  ने बताया कि कुल मिलाकर यह वर्ष मिला जुला रहेगा। उन्होंने बताया कि पत्थर व रेता कम मात्रा में निकला है, जबकि कुमकुम व सेब के पत्ते अधिक निकले हैं जो सुखद है, लेकिन बाढ़ की घटना से भी लोगों को सचेत रहना होगा।