नयनादेवी में न ईओ और न ही टीओ

 श्रीनयनादेवी —हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को बने हुए दो महीने होने को हैं, लेकिन नयनादेवी में मंदिर अधिकारी (टीओ) के अलावा नए न्यासियों की भी नियुक्ति नहीं हो सकी है। यही नहीं, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी (ईओ)  को तथा नगर परिषद में मनोनीत पार्षदों को भी अभी तक सरकार नियुक्त नहीं कर पाई है। फलस्वरूप मंदिर के सभी कार्य अब एसडीएम स्वारघाट को देखने पड़ रहे हैं। यही नहीं नयनादेवी नगर परिषद में कार्यकारी अधिकारी का पद भी दो वर्ष से रिक्त है, जिससे नगर परिषद का काम भी राम भरोसे चल रहा है तथा उसका कार्यभार भी अब एसडीएम स्वारघाट को सौंपा गया है। गौरतलब है कि बीती 30 जनवरी को नयनादेवी मंदिर अधिकारी सेवानिवृत्त हुए थे तथा उसके बाद अभी तक मंदिर अधिकारी का पद रिक्त पड़ा हुआ है। यही नहीं सरकार अभी तक नए न्यासियों को भी नई नियुक्त कर पाई है। भारतीय जनता पार्टी के नेता असमंजस में हैं कि किसे न्यासी बनाएं किसे नहीं। उधर, पता चला है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में युवा कार्यकर्ताओं में नाराजगी है कि बार-बार पुराने ही कार्यकर्ताओं को न्यासी बनाया जा रहा है तथा युवाओं में अब बगावत के सुर भी सुनने को मिल रहे हैं न्यासियों की नियुक्ति भाजपा के गले की फांस बन गई है। उल्लेखनीय है कि सरकार बदलने के बाद यह प्रक्रिया तुरंत प्रभाव से हो जाती रही है, जिससे मंदिर के सभी कार्य समयानुसार हो जाते हैं, परंतु अभी तक न्यासियों का चयन तथा नगर परिषद में मनोनीत पार्षदों का चयन साकार नहीं कर पाई है। कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के नेता अपने नेता की हार अभी तक नहीं पचा पाए हैं।