नादौन अस्पताल की जांच-पड़ताल

 मंत्री बोले, बिना सुविधाओं के कांग्रेस ने क्यों टांग दिया फट्टा; आचार संहिता से ठीक पहले के फैसले परख रही सरकार

नादौन –कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के अंतिम छह माह में लिए गए निर्णयों की समीक्षा की जा रही है। इसमें इस बात का भी रिव्यू किया जाएगा कि नादौन अस्पताल के बाहर आनन फानन में चुनाव आचार संहिता से दो दिन पूर्व सिविल अस्पताल का बोर्ड सुविधाएं न होने के बावजूद क्यों लगा दिया गया। नादौन विश्राम गृह में पत्रकारों से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि ऐसे निर्णयों पर फिर से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल का दर्जा तो बढ़े, परंतु वहां पर सबसे पहले चिकित्सकों के आवश्यक पदों का भी प्रबंध होना चाहिए तभी उसका लाभ आम लोगों को मिल सकता है। लोगों द्वारा उठाए गए इस मामले पर उन्होंने सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि नादौन में नए अस्पताल भवन का निर्माण चल रहा है। इसे शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आगामी वर्ष तक मुख्यमंत्री के हाथों इसका लोकार्पण करवाया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नादौन के लोगों को शीघ्र ही जोलसप्पड़ में बनने वाले मेडिकल कालेज की सौगात मिलने वाली है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह नादौन की जनता को बड़ा तोहफा है। पांच सौ में से तीन सौ करोड़ रुपए की राशि इस अस्पताल के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी कर दी गई है तथा विभाग के पास यह राशि पहुंच चुकी है। अब टेंडर प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कालेज में रजिस्ट्रार सहित विशेषज्ञों के 52 पद स्वीकृत किए जा चुके हैं। इस अस्पताल में हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध होगी। श्री परमार ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही इस कालेज के निर्माण में आ रही अड़चनों को दूर किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और शीघ्र ही काफी हद तक इस समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि 200 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार सभी नागरिकों के स्वास्थ्य कार्ड बनाएगी।

इन्होंने भरी हाजिरी

इस अवसर पर पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री, पवन शर्मा, डा. अशोक शर्मा, संदीप भाटिया, नीरज जैन, शुभम कपिल, अभिषेक जोशी, संजीव सेठी सहित अन्य कईर् लोग उपस्थित रहे।