पंजाब-हरियाणा की तरह करेंगे खेती

कुल्लू— हिमाचल के किसान अब पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर खेती करेंगे। किसानों ने पंजाब और हरियाणा में जाकर खेती करने का अत्याधुनिक प्रशिक्षण लिया। प्रदेश के जिला कुल्लू से 25 किसानों का एक दल अत्याधुनिक खेती करने का प्रशिक्षण लेने के लिए पंजाब और हरियाणा गया। किसानों ने जहां नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीच्यूट में उत्पादन के बारे में जानकारी ली, वहीं पंजाब एग्रीकल्चर और हिसार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में जाकर टमाटर, गोभी, गेहूं उत्पादन की अत्याधुनिक तकनीक सीखी। इस दौरान यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने किसानों को यह भी जानकारी दी कि हिमाचल में आसानी से विभिन्न खेती को बढ़ावा दिया सकता है, जिस पर किसानों ने अमल किया और तमाम जानकारियां नोट कीं। प्रशिक्षण को गए किसान अब कुल्लू में आकर किसानों को अत्याधुनिक तकनीक से होने वाली फसलों के बारे में प्रेरित करेंगे। इसके अलावा दुग्ध उत्पादन को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है, इसकी तमाम जानकारी किसानों ने ली। नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्ट्रीच्यूट करनाल में किसानों ने दूध और दूध प्रोडक्ट बनाने के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा दूध उत्पादन के लिए गाय कौन सी नस्ल की होनी चाहिए उसके बारे में भी जानकारी ली। इसके अलावा एक्सीलेंस ऑफ वेजिटेबल का रिसर्च किया। यहां किसानों ने देखा कि कैसे बिना मिट्टी के खेती की जाती है। पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में किसानों ने यह भी सीखा कि किस तरह खेती करने से इन्कम बढ़ सकती है। किसानों के साथ कृषि विभाग के आत्मा प्रोजेक्ट से गए असिस्टेंट ब्लॉक टेक्निकल मैनेजर कुलदीप का कहना है जिला कुल्लू के किसानों ने अत्याधुनिक खेती की जानकारी हासिल की है। उन्होंने बताया कि किसानों की यह ट्रेनिंग जिला कुल्लू के कृषि उत्पादन के लिए काफी लाभकारी साबित होगी।