पुलिस जवानों ने की ‘फायरिंग’

शिमला – सोलन के कंडाघाट स्थित अश्वनी खड्ड में पुलिस फायरिंग की शुक्रवार को रिहर्सल की गई। दो दिवसीय इस फायरिंग रिहर्सल की इसकी शुरुआत शुक्रव ार को हुई, जिसमें राज्य सीआईडी, सीएम और राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात विशेष यूनिट के कमांडों हिस्सा ले रहे हैं। अश्वनी खड्ड शुक्रवार को पुलिस की गोलियों से गूंज उठा। दरअसल यहां पर पुलिस फाइरिंग की रिहर्सल पुलिस जवानों के लिए शुक्रवार से शुरु हो गई। दो दिनों तक चलने वाली इस रिहर्सल में राज्य सीआईडी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के विशेष सुरक्षा यूनिट में तैनात कमांडो  ने हिस्सा लिया। फायरिंग रिहर्सल डीएसपी नरवीर ठाकुर की अगुवाई में करवाई गई, जिसमें करीब 80 कमांडों जवानों ने निशाने साधे। इस दौरान हालांकि कई जवानों ने स्टीक निशाने साधे तो कई अपने निशानों को भेद नहीं पाए। पहले दिन हुई फायरिंग की चैकिंग की गई और देखा गया कि कौन स्टीक निशाने साधते हैं और किसका निशाना चूक जाता है। बताया जा रहा है कि पुलिस जवानों को यह फायरिंग दो दौर में करवाई जा रही है, जिसमें पहले दौर में पुलिस के जवान निशाने लगाने में असफल रहे। हालांकि इसके बाद दूसरे दौर में जवानों ने इसमें सुधार किया। फायरिंग की रिहर्सल का यह क्त्रम सुबह से लेकर शाम तक चलता रहा। इसमें हिस्सा लेने वाले कमांडों ने इसमें खूब पसीना बहाया। इस अभ्यास में एमपी-पांच जैसे आधुनिक हथियारों से फायरिंग की रिहर्सल की गई। ये आधुनिक हथियार हैं जो कि अभी हिमाचल पुलिस के पास अभी बहुत कम संख्या हैं, लेकिन आने वाले समय में पुराने हथियारों की जगह इस तरह के आधुनिक हथियारों से लैस किया जाएगा। इसके अलावा अन्य हथियारों से भी फायरिंग रिहर्सल की गई।

जवानों को नए हथियारों की जानकारी

सभी जिलों में इस तरह की फायरिंग रिहर्सल करवाई जाती है। अमूनन हर साल जनवरी व फरवरी माह में सभी पुलिस कर्मचारियों अधिकारियों को हर तरह के हथियारों से फायरिंग करवाई जाती है। अधिकारियों की मानें तो फायरिंग रिहर्सल का मकसद जवानों को नए हथियारों की जानकारी देना और इनको चलाने का कौशल बनाए रखना होता है।