पूर्व एसपी के खिलाफ चालान पेश

 सीबीआई ने डीडब्ल्यू नेगी के खिलाफ शिमला की अदालत में दायर की सप्लीमेंटरी चार्जशीट

शिमला— बहुचर्चित कोटखाई गैंगरेप-मर्डर प्रकरण से जुड़े लॉकअप हत्या मामले में शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी  की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीबीआई ने शिमला की अदालत में उनके खिलाफ चालान पेश किया है। ऐसे में अब इस मामले में  नेगी पर बाकी आरोपियों के साथ मुकदमा चलेगा। पुलिस लॉकअप में सूरज हत्या मामले में सीबीआई ने पूर्व एसपी नेगी के खिलाफ सप्लीमेंटरी चार्जशीट दायर की है। यह चार्जशीट शिमला की अदालत में आईपीसी की धाराओं 302, 201 और 120 बी के तहत दायर की है। पंद्रह पन्नों के इस सप्लीमेंटरी चार्जशीट में सूरज की हत्या मामले में पूर्व एसपी डीडब्ल्यू  नेगी की संलिप्तता बारे सबूतों और साक्ष्यों को रखा है। सीबीआई ने नेगी को झूठी एफआईआर बनाने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने, तथ्यों को छिपाने, सूरज के साथी आरोपी राजू को षड्यंत्र के तहत फंसाने के आरोप में बीते 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था। जानकारी के अनुसार सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कई लोगों को गवाह बनाया है, इनमें पूर्व में दायर चार्जशीट में शामिल गवाह भी हैं। कोटखाई में छात्रा के साथ हुई दरिंदगी व मर्डर के दौरान डीडब्ल्यू नेगी शिमला में एसपी थे और इस मामले में गिरफ्तार एक आरोपी सूरज की कोटखाई थाने में हत्या के दौरान भी वह शिमला एसपी थे। सीबीआई जांच में हालांकि बाद में यह साफ हुआ था कि सूरज की हत्या पुलिस टार्चर की वजह से हुई थी, लेकिन पुलिस ने उसके साथी राजू पर केस दर्ज किया था। सीबीआई जांच में यह भी सामने आया कि सूरज की मौत होने पर तत्कालीन डीएसपी ठियोग मनोज जोशी शिमला आए थे, जहां उन्होंने पहले एसपी डीडब्ल्यू नेगी के घर जाकर उनको इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद दोनों अधिकारी आईजी जहूर जैदी के पास गए, जो कि उस वक्त आईजी साउथ रेंज के साथ छात्रा प्रकरण की जांच के लिए बने विशेष जांच दल के भी प्रमुख भी रह चुके थे। सीबीआई ने हत्या और षड्यंत्र रचने के आरोप में आईजी जहूर जैदी सहित आठ सदस्यों को 29 अगस्त को गिरफ्तार किया। इनके खिलाफ सीबीआई बीते 25 नवंबर को अदालत में 600 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल कर चुकी इसके बाद 16 नवंबर को एसपी डीडब्ल्यू नेगी को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था।