पेपर चैक नहीं करेंगे शिक्षक

By: Feb 23rd, 2018 12:16 am

कालेज प्राध्यापक- सी एंड वी संघ ने लिया मूल्यांकन के बहिष्कार का फैसला

शिमला  – कालेज प्राध्यापक संघ ने आंतरिक मूल्यांकन करने से इनकार किया है। प्राध्यापक  संघ का कहना है कि रूसा में आंतरिक मूल्यांकन का कोई प्रावधान नहीं है। इसके बाद भी विश्वविद्यालय नियमों के बाहर जाकर मूल्यांकन उन्हीं कालेजों में करवा रहा है, जहां परीक्षाएं हो रही हैं। जानकारी के अनुसार प्रदेश विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत अप्रैल माह में सेमेस्टर परीक्षाओं का शेड्यूल जारी कर दिया है। शेड्यूल के अनुसार रूसा के दूसरे, चौथे और छठे सेमेस्टर की परीक्षाएं 11 अप्रैल से प्रदेश भर के कालेजों में शुरू होंगी, लेकिन परीक्षाओं का मूल्यांकन इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन की हालत बिगाड़ सकता है। परीक्षाओं से पहले ही कालेज प्रध्यापक संघ ने कालेजों में ही करवाई जाने वाली आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया से इनकार कर दिया है। लिखित रूप में संघ ने विश्वविद्यालय को अपनी आपत्तियां मूल्यांकन न करने के लिए विश्वविद्यालय को दी हैं। पहली बार विश्वविद्यालय रूसा की  परीक्षाएं अपने वार्षिक शेड्यूल के आधार पर करवाने जा रहा है। परीक्षाएं तय शेड्यूल पर करवाने की वजह रूसा के छठे सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम को समय पर घोषित करना है। विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष अब सबसे बड़ी चुनौती इस सेमेस्टर के परिणाम को समय पर घोषित करने की है, लेकिन अब शिक्षकों ने मूल्यांकन करने से ही इनकार कर दिया है। विश्वविद्यालय की ओर से रूसा के छठे सेमेस्टर का मूल्यांकन परीक्षाओं के साथ ही कालेजों में शुरू कर दिया जाता है। जिस कालेज में परीक्षाएं होती हैं, वहीं शिक्षकों द्वारा आंतरिक मूल्यांकन किया जाता है। इसके लिए अलग से मूल्यांकन केंद्र विश्वविद्यालय की ओर से नहीं बनाए जाते हैं। आंतरिक मूल्यांकन में जिस कालेज के छात्र हैं, उसी कालेज के शिक्षक द्वारा किया जाता है, जिसका शिक्षक विरोध जता रहे हैं। संघ की ओर से बीते सत्र में भी इसका विरोध कर मूल्यांकन के लिए कोई और प्रक्रिया लागू करने की बात कही गई थी, लेकिन विश्वविद्यालय ने अभी तक इसका कोई समाधान नहीं तलाशा है।  अब संघ ने लिखित रूप में  परीक्षाआें से पहले ही विश्वविद्यालय को आंतरिक मूल्यांकन न करने की बात कही है। रूसा के छठे समेस्टर का परीक्षा परिणाम अगर समय से घोषित नहीं होता है तो छठे सेमेस्टर में बैठने वाले 40 हजार के करीब छात्रों को बाहरी विश्वविद्यालय सहित एचपीयू में पीजी कोर्सेज में प्रवेश के लिए दिक्कतें आएगीं।


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