प्रदेश के 14 दवा उद्योगों को नोटिस

संयुक्त जांच में पाई कई खामियां, फार्मा कंपनियों पर लाइसेंस रद्द होने की तलवार

बीबीएन— हिमाचल के 14 ऐसे दवा उद्योगों पर राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने शिकंजा कस दिया है, जिनमें निर्मित दवाएं बार-बार गुणवत्ता की कसौटी पर बेअसर साबित हो रही थी। बतातें चलें कि बीते दिनों सीडीएससीओ के ड्रग अलर्ट में प्रदेश में निर्मित दवाओं के सब-स्टैंडर्ड होने के मामले सामने आए थे,जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य दवा नियंत्रक को ऐसे तमाम दवा उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिनकी दवाएं बार बार जांच में फेल हो रही थी। इसी कड़ी में प्राधिकरण की 13 सदस्यीय टीम ने सोलन, सिरमौर व कांगड़ा जिला में स्थापित 14 दवा उद्योगों का औचक निरीक्षण किया। इस जांच में उद्योगों में कई खामियां उजागर हुई जिस पर प्राधिकरण ने दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए दस दिन के भीतर जबाब तलब किया है। जबाब संतोष जनक न पाए जाने की सूरत में प्राधिकरण इन उद्योगों के दवा निर्माण लाइसेंस को संस्पेंड या कैसिंल कर सकता है। दवा निरिक्षकों की टीम ने इन 14 बेलगाम दवा उद्योंगों में निर्मित की जा रही विभिन्न तरह की दवाओं के 56 सैंपल भी भरे है, जिन्हें जांच के लिए लैब में भेज दिया गया है । सनद रहे कि प्राधिकरण ने ऐसे करीब 30 उद्योग शार्ट लिस्ट किए है ंजिनमें निर्मित दवाएं  खरी नहीं उतर रही है।  इन 14 दवा उद्योगों में से 6 सोलन में, पांच सिरमौर में और 3 कांगड़ा में स्थापित हैं। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाहा ने खबर की पुष्टि की है।

कैंसर-बीपी की दवाइयों के रेट तय

बीबीएन — राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने कैंसर ,बीपी, डायबिटीज व हार्ट के उपचार में इस्तेमाल होेन वाली 14  दवाओं के अधिकतम दाम तय कर दिए हैं।  एनपीपीए के अनुसार कैंसर के इजेंक्शन बोरटीजोमिंब का मूल्य अब 12,500 रुपए निर्धारित किया गया है। यह दाम 200 एमजी इंजेक्शन के पाउडर के लिए तय किया गया है । एनपीपीए ने मंगलवार शाम जारी अधिसूचना में 14 आवश्यक दवाओ  की खुदरा कीमतों को अधिसूचित किया है।  एनपीपीए के सहायक निदेशक बलजीत सिंह का कहना है कुछ कंपनियां इन दवाओं के मनमाने दाम वसूल रही थीं, जिससे मरीजों को इलाज करवाना महंगा पड़ रहा था। दवाओं के दाम तत्काल प्रभाव से देशभर के बाजार में लागू कर दिए हैं।