बजट के खिलाफ सीटू का धरना-प्रदर्शन

By: Feb 3rd, 2018 12:45 am

कहा, केंद्र सरकार ने लिए जनता व मजदूर विरोधी फैसले, महज कोरपोरेट घराने किए खुश

शिमला — केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए पेश किए गए बजट को सीटू ने आम जनता व मजदूर विरोधी करार दिया है। शुक्रवार को सीटू द्वारा बजट के खिलाफ प्रदेश भर में धरना-प्रदर्शन कर  रोष व्यक्त किया गया। सीटू ने शिमला, मंडी, चंबा, हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, कुल्लू व किन्नौर जिला मुख्यालयों पर मजदूरों व जनता विरोधी बजट के खिलाफ प्रदर्शन किए। इस दौरान मजदूरों ने मोदी सरकार व मजदूर विरोधी बजट के खिलाफ नारेबाजी भी की। सीटू राज्य अध्यक्ष जगत राम ने बताया कि यह बजट पूरी तरह जनता विरोधी है और राष्ट्रहित में नहीं है। बजट में हमेशा की तरह बड़े कोरपोरेट घरानों व पूंजीपतियों को छूट दी गई है। दूसरी तरफ छोटे व्यापारी जीएसटी व अन्य अप्रत्यक्ष  टैक्सों  की मार झेल रहे हैं। बजट भाषण में फिक्स्ड टर्म इंप्लायमेंट देने की बात कही गई है, जो कि पूरी तरह मजदूर विरोधी है। इस फैसले से मजदूर का स्थायी रोजगार छिन जाएगा। बजट में जो रोजगार देने के दावे किए हैं, वे पूरी तरह  खोखले व भ्रामक हैं। देश में लाखों उद्योग बंद होने से मजदूरों को नौकरी से बाहर किया जा रहा है। नोटबंदी के चलते देश में 20 लाख मजदूरों की नौकरियां गई हैं। सार्वजनिक क्षेत्र में लाखों पदों को भरा नहीं जा रहा है, उल्टे उन्हें समाप्त किया जा रहा है। मजदूरों की लंबे समय से न्यूनतम वेतन 18000 रुपए करने की मांग व उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने की मांग को पूरी तरह अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश में 20 करोड़ मजदूरों के साथ अन्याय किया है। उन्होंने मजदूरों से आह्वान किया कि वे मोदी सरकार द्वारा मजदूर  विरोधी बजट का विरोध करें। शिमला में जिलाधीश कार्यालय के बाहर मजदूरों ने बजट के विरोध में प्रदर्शन किया किया। प्रदर्शन में सीटू राज्य महासचिव प्रेम गौतम, बाबू राम, किशोरी, रिसु, पूर्ण बलवीर परासर, विनोद, हिमी देवी आदि नेता शामिल रहे।


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