बजट में 15 नई योजनाएं लेकर आएं अधिकारी

By: Feb 22nd, 2018 12:07 am

योजना बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आग्रह, सीमित साधनों में केंद्र की भी लेंगे मदद

शिमला—  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को योजना बोर्ड की बैठक में कहा कि वार्षिक योजना प्रस्तावित करना तथा अनुमोदित करवाना पुरानी परंपरा है, लेकिन हमें कुछ अलग से करने की आवश्यकता है। हमें उन क्षेत्रों के विकास के लिए कार्य करना होगा, जिनकी अभी तक चर्चा तक नहीं होती है। अन्य मुख्य क्षेत्रों के साथ-साथ पर्यटन, युवा सेवाएं एवं खेल तथा निजी उत्पादकों के लिए सरल मानदंडों के साथ जल विद्युत उत्पादन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। हमें ‘लीक से परे’ सोचने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से बजट सत्र में 13 से 15 नई योजनाएं लेकर आने को कहा। उन्होंने कहा कि ‘मुझे पता है कि हमारे पास इसके लिए सीमित संसाधन हैं, लेकिन हम इन परियोजनाओं के लिए एजेंसियों अथवा केंद्र सरकार की सहायता से धनराशि का प्रावधान कर सकते हैं, लेकिन हमें नई सोच के साथ प्रस्तावों को प्रस्तुत करना होगा। वर्तमान तंत्र में सुधार और उसे सुदृढ़ बनाए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यह समय की मांग है कि ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जाए, जिनमें हम बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं अथवा अन्य राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर हम पर्यटन विकास पर बड़ी-बड़ी बाते करते हैं, लेकिन देखने में आया है कि कभी किसी ने यह प्रयास नहीं किया कि पर्यटन विकास की बड़ी परियोजनाओं पर कैसे कार्य किया जाए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ऐसी परियोजनाओं को बाहरी एजेंसियों से धन कैसे उपलब्ध करवाया जाए और इनके लिए अधोसंरचनात्मक सुविधाएं कैसे सृजित की जाएं। प्रदेश में विद्यमान 27000 मेगावाट विद्युत क्षमता का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक मात्र 10500 मेगावाट का ही दोहन हो पाया है। कई परियोजनाएं वर्षों से अधर में हैं, जिन पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने निजी निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए मापदंडों को और सरल बनाना होगा। प्रदेश में कृषि क्षेत्र पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषकों के हितों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है तथा उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में भी ऐसे नए क्षेत्रों की पहचान की जानी चाहिए कि जहां निजी निवेशकों को आमंत्रित किया जा सके। वर्तमान सरकार लोगों के हितों की रक्षा करने और वह प्रदेश कि हित में बेहतर विकासात्मक योजनाएं बनाने में पूरी तरह सक्षम है।

निजी निवेशकों के हित देखेंगे

भू-अधिनियम की धारा-118 का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस धारा के तहत प्रतिबंधों के कारण निजी निवेशकों को पेश आ रही दिक्कतों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, ताकि इस प्रदेश में विकास और लोगों के हित में सन्तुलन बनाए रखते हुए आगे बढ़ा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के व्यापक हित के साथ सरकार कभी समझौता नहीं करेगी। विकास की गति को बनाए रखने के लिए जहां भी आवश्यक हुआ, प्रतिबंधों पर विचार-विमर्श कर इनमें ढील दी जा सकती है।

जरूरत पर नए शिक्षण संस्थान

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बिना सोचे-समझे शिक्षण संस्थान खोले जाने की घोषणा करना अथवा खोलने की स्वीकृति प्रदान करने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आवश्यकता के आधार पर संस्थान खोलने की बात कही। अब गुणवत्ता के साथ-साथ चल रहे संस्थानों के सुदृढ़ीकरण की जरूरत है और मौजूदा सरकार यह करेगी भी।

अफसरों को प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में निवेश के लिए प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण बनाए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ऐसा करने से युवाओं का सशक्तिकरण होगा और उन्हें रोजगार के अवसर भी मिलेगे। उन्होंने ऐसे अधिकारियों को प्रोत्साहित करने की भी बात कही जो लीक से हट कर कुछ करने की सोच रखते हों।


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