बिजली बोर्ड को 109 करोड़ घाटा

By: Feb 24th, 2018 12:50 am

टैरिफ से नुकसान, विद्युत दरें बढ़ाने पर पांच को जनसुनवाई

शिमला – हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड को मौजूदा वित्त वर्ष में लागू विद्युत टैरिफ से करीब 109 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ेगा।  इस घाटे को दूर करने और अगले वित्त वर्ष में होने वाले संभावित नुकसान की पूर्ति के लिए यहां पर बिजली दरों को बढ़ाने की मांग की गई है। इस पर विद्युत नियामक आयोग पांच मार्च को जनसुनवाई करने जा रहा है, जिसमें लोगों की आपत्तियां ली जाएंगी।  वैसे लिखित आपत्तियों के लिए आयोग ने पहली फरवरी तक का समय दिया था और इस दौरान आयोग को करीब एक दर्जन आपत्तियां मिली हैं। सूत्रों के अनुसार इन आपत्तियों का निपटारा करने के लिए आयोग ने बोर्ड को लिखा है, जिसके बाद उनका जवाब भी लिया जाएगा। पांच मार्च को शिमला में आयोग के कार्यालय में होने वाली जनसुनवाई में सभी आपत्तियों का निपटारा करने के बाद आयोग टैरिफ प्लान को घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। सूत्र बताते हैं कि इस दफा नया वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही नई बिजली दरें भी निर्धारित हो जाएंगी, जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त बोझ न पड़े। यदि टैरिफ की घोषणा देरी से हो तो उसका भार भी उपभोक्ता को सहना पड़ता है और आम आदमी की जेब पर चपत लगती है। ऐसे में नियामक आयोग मार्च महीने में ही इसका निर्धारण करने की तैयारी में है, जिस पर काम चल रहा है। बताया जाता है कि उद्योग क्षेत्र ने जो आपत्तियां दी हैं, उसमें साफ कहा गया है कि विद्युत दरें इस क्षेत्र के लिए न बढ़ाई जाएं, जिसकी मांग बिजली बोर्ड ने की है। सरकार पर भी उद्योग क्षेत्र ने इसे लेकर दबाव बनाया हुआ है। बोर्ड का मानना है कि कर्मचारियों को अंतरिम राहत और नया वेतनमान अगले वित्त वर्ष में दिया जाएगा। इसमें अंतरिम राहत की घोषणा सरकार पहले ही कर चुकी है, लेकिन नया वेतनमान पंजाब के बाद आएगा। ऐसे में उसे लागू किया जाता है तो बोर्ड को 1318 करोड़ रुपए का रेवेन्यू गैप होगा। इसलिए उसकी भरपाई के लिए आयोग को लिखा गया है। अब नियामक आयोग पांच मार्च को जन सुनवाई में लोगों के सामने बोर्ड का प्रस्ताव रखेगा, जिसके बाद तय किया जाएगा कि बोर्ड के रेवेन्यू गैप को कम करने के लिए आगे का टैरिफ प्लान क्या होगा। क्योंकि 109 करोड़ का घाटा दिखाया गया है, इसलिए माना जा सकता है कि कुछ श्रेणियों के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी की जाए।

1318 करोड़ का रेवेन्यू गैप

बिजली बोर्ड ने आयोग को दिए अपने प्रस्ताव में साफ किया है कि उसे इस वित्त वर्ष के अंत तक मौजूदा टैरिफ प्लान से 109 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। यही नहीं, अगले वित्त वर्ष में बोर्ड ने करीब 1318 करोड़ रुपए का रेवेन्यू गैप दर्शाया है।


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