बीरता के मजदूर की दोनों किडनियां फेल

गगल— गरीबी से जूझती गांव बीरता की निम्मो देवी का सहारा तो भगवान ने छह साल पहले ही छीन लिया था, फिर भी निम्मो देवी ने हालात से समझौता करना ही ठीक समझा, उसने गरीबी से लड़ते अपने दो बेटों को मेहनत करना ही सिखाया।  बड़ा बेटा मजदूरी करता है और छोटा बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है, लेकिन हालात के आगे उसको भी झुकना पड़ा। उसकी पढ़ाई में गरीबी आड़े आ गई, इसलिए उसके बेटे जीवन (27) ने अपनी दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद कांगड़ा में एक दुकान पर काम करना शुरू कर दिया। सब कुछ ठीक था । निम्मो देवी भी खुश थी कि अब उसकी सारी परेशानियों दूर हो गई है। अब चिंता थी, तो बड़े बेटे की शादी की, लेकिन समय ने ऐसी करवट ली कि एक दिन अचानक छोटे बेटे जीवन का रक्तचाप बहुत बढ़ गया । आनन-फानन जीवन को अस्पताल ले जाया गया, वहां पर जब जीवन कुमार के टेस्ट हुए, तो पता चला कि जीवन कुमार की दोनों किडनियां खराब हो गई हैं। माता निम्मो को जब पता चला तो उस पर पहाड़ ही टूट पड़ा। गांव बीरता में आईआरडीपी परिवार से संबंध रखने वाले इस परिवार को चिंता सता रही थी कि जीवन का इलाज करवाए भी तो कैसे, क्योंकि घर में कमाई का साधन कुछ भी नहीं। छोटे भाई के इलाज के चक्कर में बड़े भाई की मजदूरी भी छूट गई। थक-हार कर निम्मो देवी ने गरीबों की मदद में सदैव आगे रहने वाले प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ के माध्यम से मुख्यमंत्री व कांगड़ा के विधायक से गुहार लगाई है कि मेरे बेटे जीवन के इलाज में मदद करें।