बुनकर डिजाइनिंग सेंटर में ट्रेनिंग बंद

कुल्लू — शास्त्रीनगर में वर्ष 1998 में खोले गए बुनकर व डिजाइनिंग टे्रनिंग सेंटर में छह माह से सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमा बंद कर दिए गए हैं, जिससे युवाओं में भारी रोष है। बेरोजगार युवा यहां शॉल बनाने के साथ डिजाइनिंग भी सीखते थे। करोड़ों रुपए की लागत से तैयार इस लैब में कई तरह के उपकरण मौजूद हैं। प्रशिक्षण के बाद युवा शॉल बनाने वाले उद्योगों में रोजगार पाते थे और ट्रेनिंग के दौरान उन्हें 100 रुपए प्रतिदिन स्टायफंड भी दिया जाता था, लेकिन अब यहां पर कार्यालय तो खुला रहेगा, पर किसी भी तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम नहीं हुआ करेंगे। यहां पर ज्यादातर युवा जनजातीय क्षेत्रों से ट्रेनिंग को आते थे। टे्रनिंग सेंटर के ट्रेनर गुरदयाल का कहना है कि अब यहां पर किसी भी तरह के बैच प्रशिक्षण लेने के लिए नहीं बैठ सकेंगे। संबंधित विभाग से यहां अब प्रशिक्षण नहीं होंगे। इस तरह की नोटिफिकेशन उन्हें मिली है। अब तक 1300 युवा यहां से प्रशिक्षण ले चुके हैं। सेंटर में एक मास्टर, एक हेल्पर व एक इंचार्ज था, लेकिन अब ट्रेनिंग प्रोग्राम बंद होने से ट्रेनर अकेले ही इस कार्यालय को चला रहे हैं। सेंटर में शॉल, दरी, गलीचा व अन्य तरह के डिजाइन सिखाए जाते थे। यही नहीं, यहां पर जब प्रशिक्षण लेने के लिए जो भी युवा आवेदन करता था, उसके बाद उनके साक्षात्कार भी होते थे, जिसके लिए स्पेशल कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में कुल्लू के उद्योगों के सदस्य शामिल हैं, लेकिन उनमें से भी किसी ने बेरोजगार युवाओं के लिए कोई कदम अभी तक नहीं उठाया है। यहां पिछले छह माह से सभी तरह के प्रशिक्षण बंद कर दिए गए हैं। यहां पर सिक्किम से भी युवा प्रशिक्षण लेने के लिए आते थे। अब अगर प्रदेश सरकार ने भी इस क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं किया तो आने वाले समय में यह कार्यालय भी बंद हो सकता है।

आज दिल्ली में उठेगा मसला

बुनकर प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक एसएस चौहान, जिला मंडी से जीवानंद, कुल्लू जिला संयोजक चंदे राम ठाकुर ने भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय को को पत्र लिख मामले से अवगत करवा दिया है। नौ फरवरी को दिल्ली में तीन बजे भाजपा कार्यालय में होने जा रही बुनकर प्रकोष्ठ की बैठक में इस मुद्दे को लेकर गहन से चर्चा की जाएगी। एसएस चौहान ने कहा कि यहां पर प्रोग्राम फिर से शुरू हो, इसके लिए प्रयास जारी हैं।