मनाली में चिप्स, सोलन में टमाटर प्यूरी

उत्पादकों के लिए स्पेशल पालिसी, सहकारी सभाओं की मदद से चलेंगे लघु उद्योग

शिमला — शीत मरूस्थल लाहुल-स्पीति के आलू और सोलन के टमाटर उत्पादकों को बड़ी राहत देने के लिए सरकार इन फसलों से संबंधित उद्योग स्थापित करने पर जोर देगी। स्थानीय सहकारी सभाओं की मदद से ऐसे लघु उद्योग स्थापित किए जाएंगे, जिसका सीधा लाभ उत्पादकों को मिलेगा। लाहुल-स्पीति में बड़ी मात्रा में आलू का उत्पादन किया जाता है। अभी तक आलू को बड़ी मार्केट देने के लिए इस तरह के प्रयास नहीं हुए हैं। पहली बार सरकार पर्यटन नगरी मनाली में चिप्स के उद्योग स्थापित करने की कोशिश करेगी। सोलन एरिया में भी जहां बड़े पैमाने पर टमाटर का उत्पादन होता है, वहां टमाटर प्यूरी के उद्योग लगेंगे। लाहुल-स्पीति का आलू दुनिया भर में मशहूर है। कुछ समय से इसका उत्पादन लगातार गिर रहा है। इससे लोगों को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। इसे सरकार ने गंभीरता से लिया है। लाहुल-स्पीति में आलू उत्पादकों को संजीवनी प्रदान करने के लिए सरकार ने चिप्स आधारित उद्योग स्थापित करने की योजना बनाई है। इसके लिए कृषि मंत्री डा. रामलाल मारकंडा ने हाल ही में पालमपुर स्थित सीएसआईआर के अधिकारियों के साथ एक बैठक की है। साथ ही कृषि विभाग ने चिप्स आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए ब्लू पिं्रट तैयार कर लिया है। इसके तहत चिप्स पर आधारित उद्योग मनाली में लाहुल सहकारी सभा के साथ मिलकर स्थापित किया जाएगा। इस पर अढ़ाई करोड़ रुपए की लागत आएगी। इससे जहां आलू उत्पादकों को उनके उत्पाद के सही दाम मिलेंगे, वहीं सहकारी सभा को भी लाभ होगा।

किसानों को नहीं मिलता सही रेट

सोलन, बिलासपुर, कुल्लू व सिरमौर में टमाटर की पैदावार अधिक होती है। सीजन के दौरान किसानों को टमाटर का सही मूल्य नहीं मिल पाता। इससे किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए कृषि विभाग सोलन में किसी एजेंसी के साथ मिलकर टमाटर की प्यूरी बनाने का उद्योग स्थापित करने जा रहा है। इसके साथ यहां कैचअप तैयार करने का भी प्रयास किया जाएगा। इसका ब्रांड नेम हिमाचल प्रदेश का होगा। कृषि विभाग चिप्स व प्यूरी का प्रचार व प्रसार भी करेगा।