मारंडा में सड़क पर डबल अटैक

मारंडा— एक तरफ पालमपुर और धर्मशाला सरीखे शहरों से ट्रैफिक बोझ कम करने के लिए रोज माथापच्ची हो रही है,तो दूसरी ओर बिगड़ैलों की दुनिया है। उन्हें न तो सिकुड़ी सड़क से मतलब है और न ही ट्रैफिक से। यकीन नहीं आता, तो मंडी-पठानकोट एनएच पर मारंडा की इन तस्वीरों को ही देख लीजिए। तंग सी नजर आने वाली सड़क का वजूद मिटाने के लिए यहां दोनों छोर पर डबल अटैक हुआ है। बताते हैं कि सड़क के एक सिरे पर किसी रेत की बोरियां फैलाकर डंपिंग साइट बना दी है,लेकिन क्या मजाल कि कोई इसे हटा सके। सड़क पर पड़ी बोरियां कई दोपहिया वाहन चालकों को जख्मी कर चुकी हैं। दिन भर कई विभागीय और प्रशानिक अफसरों के अलावा वीआईपी नेताओं का यहां से आना-जाना होता है,लेकिन यह इस सड़क का दुर्भाग्य है कि किसी की नजर अतिक्रमण पर नहीं पड़ती। यह तो थी सड़क के एक छोर की कहानी,दूसरे किनारे की कहानी इससे भी भयावह है। उस सिरे पर कुछ समय पहले खुदाई हुई थी। खुदाई ऐसी कि जिसने सड़क को ही मुसीबत में डाल दिया। स्थनीय लोगों ने बताया कि खुदाई के बाद सड़क का एक बड़ा हिस्सा ऊबड़-खाबड़ बन गया। आलम यह कि सड़क के वजूद पर ही संकट खड़ा हो गया है। ये तमाम हालात विभाग,प्रशासन और नेताओं की अनदेखी के चलते बने हैं।

तो पार्किंग की टेंशन होनी थी खत्म

बुद्धिजीवियों का कहना है कि बेहतर होता कि खुदाई के बाद सड़क को अच्छे से संवारा जाता। साथ ही 33 केवी से सटे खाली क्षेत्र का सदुपयोग करके वहां पार्किंग बना दी जाती। इससे सड़क भी बच सकती थी और पार्किंग की टेंशन दूर हो जाती। लोगों ने प्रशासन और एनएच विभाग से आह्वान किया है कि सड़क से अतिक्रमण हटाकर इसे संवारा जाए।