मार्च के बाद हट सकता है तबादलों से प्रतिबंध

शिमला— प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों के तबादलों पर लगाई गई रोक 31 मार्च के बाद हटाई जा सकती है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस मामले पर सरकार ने अपना मन लगभग बना लिया है, क्योंकि  बड़ी संख्या में कर्मचारी तबादला चाहते हैं। इससे पहले सरकार नीति में जरूरी संशोधन भी कर सकती है, लेकिन तीन साल तक एक जगह पर काम करना ही होगा। सूत्र बताते हैं कि मंत्रियों ने तबादलों के मामलों में फिलहाल लोगों को वापस भेजना शुरू कर दिया है। उनकी तरफ से पुराने गए मामलों पर स्टेटस मांगा जा रहा है, जिसके बाद जरूरी हुआ तो सरकार तबादला करेगी। नए मामले कोई भी नहीं भेजे जा रहे हैं, जिनके लिए मंत्रियों को इनकार कर दिया गया है। खासकर शिक्षा विभाग में तो तबादले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं और जरूरी मामलों में ही तबादले का डीओ सीएम कार्यालय को जाएगा, वहीं अब भीड़ मंत्रियों के कार्यालयों से हटकर मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ बढ़ने लगी है। तबादले की इच्छा लेकर आने वाले अब सीधे सीएम कार्यालय से संपर्क कर रहे हैं और बात बन जाए तो तबादला आदेश वहीं से होंगे। वैसे 31 मार्च तक तो सरकार ने प्रतिबंध को लागू रखने की सोची है। हालांकि इस पर आधिकारिक रूप से कोई निर्णय नहीं लिया गया है, परंतु मंत्री उनके पास आने वाले लोगों को 31 मार्च तक की तारीख देने लगे हैं। तब तक सरकार विधानसभा के बजट सत्र से भी फारिग हो जाएगी, लिहाजा उसके बाद प्रदेश में कर्मचारियों के तबादलों का काम शुरू होगा। पिछले दिनों काफी संख्या में तबादलों के इच्छुक सरकार के पीछे लग गए थे, लेकिन सरकार ने इस पर लगे प्रतिबंध को जारी रखने के फरमान सुनाए। इस पर कैबिनेट में भी अनौपचारिक चर्चा हुई, जिस पर कार्मिक विभाग ने भी आदेश जारी किए हैं। कार्मिक विभाग से आदेश जारी होने के बाद सभी महकमों में तबादलों को लेकर डीओ लैटर रोक दिए गए हैं। इन पर संबंधित विभागीय मंत्री से बात की जा रही है। साथ ही कार्मिक विभाग से भी क्लेरिफिकेशन मांगी जा रही है। अभी तक कर्मचारी वर्ग को स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। उधर, भाजपा से जुड़े लोग भी अपने समर्थकों के तबादलों के मामलों को अब उस गति से नहीं ला पा रहे हैं, वहीं सचिवालय में भीड़ मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर बढ़ गई है।