मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ देश

By: Feb 19th, 2018 12:18 am

रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्ज संयुक्त समन्वय समिति ने लिया विरोध का फैसला

बिलासपुर— मोटर व्हीकल संशोधन विधेयक बिल का अब देश भर में बड़े स्तर पर विरोध होगा। हाल ही में दिल्ली के मावलंकर हाल में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्ज संयुक्त समन्वय समिति के सम्मेलन में मंथन के बाद यह निर्णय लिया गया है। पूरे देश में इस बिल के विरोध में ज्ञापन राज्यपाल के माध्य्म से केंद्रीय परिवहन मंत्री और राज्यसभा की समिति को प्रेषित किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश में सात मार्च को यह ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा जाएगा, जबकि 20 मार्च को इस बिल के विरोध में प्रदेश के सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के परिवहन कर्मचारियों का सम्मेलन शिमला में आयोजित किया जाएगा। यह खुलासा भारतीय राष्ट्रीय परिवहन कर्मचारी संगठन के संयोजक उमेश शर्मा ने किया है। दिल्ली से लौटने पर उन्होंने बताया कि संयुक्त समन्वय समिति के सम्मेलन में सांसद राज्यसभा एवं सदस्य चयनित कमेटी राज्यसभा बीके हरिप्रसाद ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। हरि प्रसाद ने पूरे देश भर से आए करीब एक हजार श्रमिक नेताओं को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे मोटर व्हीकल संशोधन विधेयक बिल 2017 को लोक सभा ने पारित कर दिया है, लेकिन राज्यसभा ने इसे अभी तक पास नहीं किया है। अभी यह सिलेक्ट कमेटी के पास लंबित है। इस बिल के पास हो जाने से पूरे देश में सरकारी परिवहन उद्योग एवं छोटे-छोटे निजी परिवहन मालिक, गाडि़यों की मरम्मत करने वाले छोटे मेकेनिक, बीमा करने वाले एजेंटों का भविष्य ही समाप्त हो जाएगा और यह पूरी व्यवस्था पूंजीपतियों के हाथों में चली जाएगी। यही नहीं, इस बिल के आने से चालकों को भी भारी भरकम जुर्माने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि कान्ट्रैक्ट कैरिज एवं स्टेज कैरिज बसों को एक ही परमिट व्यवस्था लागू की जा रही है। वाहन का पंजीकरण भी डीलर द्वारा ही किया जाएगा।

यहां से पहुंचे प्रतिनिधि

सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, बंगाल, उत्तर प्रदेश दिल्ली के श्रमिक प्रतिनिधियों से हिस्सा लिया और अपने सुझाव रखे।


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