मोमबत्ती के साथ जली विरोध की ज्वाला

आईजीएमसी में डाक्टरों ने निकाला कैंडल मार्च, नेशनल मेडिकल कमीशन बिल रद्द करने की मांग

शिमला – रेजिडेंट डाक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले आईजीएमसी अस्पताल के डाक्टरों ने मंगलवार को नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में कैंडल मार्च निकाल कर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया। इसमें करीब 200  रेजिडेंट डाक्टरों ने भाग लिया। डाक्टरों ने इस बिल को स्थगित करने की मांग उठाई है। एसोसिएशन के महासचिव डा. विशाल जम्वाल ने कहा कि वर्ष 1956 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन हुआ था, मगर अब केंद्र सरकार नेशनल कमीशन बिल पास करवाने जा रही है। इस बिल के तहत आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक डाक्टर ब्रिज कोर्स करने के बाद एलोपैथिक  दवाइयां लिख सकेंगे। उन्होंने कहा कि नियमों के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि एमसीआई के मेंबर डाक्टर चुनकर भेजते हैं, मगर अब सरकार 27 मेंबर्ज में से 22 को स्वयं मनोनीत करने जा रही है। डाक्टर केवल पांच मेंबर्ज को ही मनोनीत कर सकेंगे। इसमें सरकार अध्यक्ष पद पर भी आईएएस को बैठाना चाहती है, जबकि आईएएस के मुकाबले टेक्नीकल व्यक्ति को ज्यादा अनुभव रहता है। उधर एसोसिएशन के महासचिव डाक्टर विशाल जम्वाल ने कहा कि एमबीबीएस करने के बाद भी एग्जिट परीक्षा रखी जा रही है, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को उक्त बिल के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किया गया। इसके पश्चात भी सरकार का रवैया नकारात्मक बना रहता है तो ऑल इंडिया रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर संघर्ष तेज किया जाएगा।