‘मौन की अभिव्यक्ति’कविता संग्रह लांच

तिब्बत सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री ने लांच की साहित्यकार अजय पराशर की पुस्तक

धर्मशाला— निर्वासित तिब्बत सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री डा. समदोंग रिंपोछे ने शनिवार को धर्मशाला में एक समारोह में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में उपनिदेशक पद पर कार्यरत प्रसिद्ध साहित्यकार अजय पराशर के कविता संग्रह ‘मौन की अभिव्यक्ति’ का विमोचन किया। स्वयंसेवी संस्थाओं रैंप्स और नवप्रभात के सहयोग से सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के धर्मशाला कार्यालय के प्रेस कक्ष में आयोजित इस समारोह में साहित्य एवं मीडिया जगत के अनेक गणमान्य लोग शामिल रहे। इस अवसर पर डा. समदोंग रिंपोछे ने मौन को संपूर्णता की अभिव्यक्ति का माध्यम बताते हुए कविता संग्रह को बेहद उत्कृष्ट रचना बताया। इस अवसर पर जाने-माने साहित्यकार डा. ओम अवस्थी ने अध्यक्षीय भाषण में संग्रह की कविताओं में ‘अच्छी कविता’ का भविष्य देखने की बात कहते हुए रचनाओं में शब्द और अर्थ की सहधर्मिता होने का उल्लेख किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डा. सुशील कुमार फुल्ल ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए वक्तव्य दिया। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार और प्रख्यात कवि नवनीत शर्मा ने पुस्तक समीक्षा की। इस अवसर पर स्वयंसेवी संस्था रैंप्स और नवप्रभात के प्रतिनिधि एवं साहित्यकर्मी पीपी रैणा ने भी संबोधित किया। प्रसिद्ध कवियत्री सरोज परमार ने मौन की अभिव्यक्ति संग्रह में से अपनी पसंदीदा कविताओं के अंश पढ़े। आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिकारी सुमित ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में साहित्यकार वेद प्रकाश अग्नि, पीयूष गुलेरी, प्रत्यूष गुलेरी, ललित शर्मा, नरेंद्र अवस्थी, रेखा डढवाल सहित साहित्य एवं मीडिया जगत के गणमान्य शामिल रहे।