रेणुकाजी की मिट्टी के सैंपल लिए

रेणुकाजी, ददाहू— सेंट्रल सॉयल मैटीरियल रिसर्च स्टेशन दिल्ली की टीम तथा भारतीय भू-गर्भ ऑफ  इंडिया की टीम ने बुधवार को राष्ट्रीय परियोजना रेणुकाजी बांध स्थल का दौरा किया। सीएसएमआर की चार सदस्यीय टीम में भारतीय भू-गर्भ सर्वे ऑफ  इंडिया यानी जीएसआई के डायरेक्टर संजीव शर्मा,  सेंट्रल सॉयल मैटीरियल रिसर्च स्टेशन दिल्ली के ज्वाइंट डायरेक्टर एसएल गुप्ता, वैज्ञानिक अनूप बंधोपाध्याय तथा जीएसआई के परवीन कुमार वैज्ञानिक शामिल रहे। सीएसएसआर केंद्रीय जल मंत्रालय के अधीन विभाग है , जो कि बांध निर्माण से पूर्व इसकी मैटीरियल की जांच करता है। इसी कड़ी में रेणुकाजी बांध स्थल की भी टीम द्वारा जांच की गई तथा बांध के स्पिल-वे स्थल से कई स्थानों से मिट्टी , पत्थर के सैंपल लिए गए। रेणुकाजी बांध प्रबंधन के अनुसार यहां स्पिल-वे टनल के होल कोर की टेस्टिंग तथा रॉक की जांच की जा रही है। वहीं, बांध चूंकि रॉक फिल बनाया जाना प्रस्तावित है। लिहाजा रॉक फिल के लिए किस तरह का मैटीरियल प्रयोग होगा उसके सैंपल भी भेजे जा चुके हैं। वहीं अब टीम ने बांध स्थल के डाइवर्ट टनल के मैटीरियल रॉक से भी सैंपल लिए हैं। जानकारी अनुसार बांध स्थल बांध बनने के लिए प्राकृतिक तौर पर कितना फिट है यह भी टीम जुटाए गए रॉक मैटीरियल सैंपल से पता लगा रही है। उधर, जीएम एसएल डोगरा ने बताया कि सेंट्रल सॉयल मैटीरियल रिसर्च स्टेशन और जीएसआई की टीम द्वारा बताए गए स्थानों से सैंपल लिए हैं। उन्होंने बताया कि रेणुकाजी बांध स्थल में स्पिल-वे स्थल पर शैल किस्म की रॉक है, जो कि रॉक फिल किस्म के बांध के लिए फिलवक्त सही है। लिहाजा टीम भी लैब में बांध मैटीरियल को परखेगी। गौर हो कि रेणुकाजी बांध परियोजना के लिए लगभग 26 किलोमीटर एरिया में पानी का जमाव होना है। वहीं ददाहू से डेढ़ किलोमीटर ऊपर बांध स्थल पर डाइवर्ट टनल, स्पिल-वे का निर्माण होगा। जबकि यहीं पर पावर हाउस भी बनाया जाना है। अब तक लगभग स्टेज दो की इस परियोजना के लिए 1962 से इन्वेस्टिगेशन चली है। तत्कालीन टनल यहां मौजूद है।