लापरवाह हैं शिक्षा विभाग के अफसर!

By: Feb 18th, 2018 12:16 am

शिक्षा मंत्री ने जांचा कामकाज, अधिकारियों को काम में कोताही न बरतने के निर्देश

शिमला – शिक्षा विभाग के निदेशालय में कार्यरत अधिकारी अपने काम के प्रति गंभीर नहीं हैं। हाल ही में शिक्षा सचिव ने निदेशालय के दौरे के दौरान वहां पर खामियां पाई थीं, जिसके बाद अब शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के सामने भी कई तरह की कमियां आई हैं। इस पर शिक्षा मंत्री ने यहां कार्यरत अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए और साफ कहा कि काम में कोताही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं  की जाएगी। शनिवार को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज  ने विभागीय समीक्षा की जिसमें उन्होंने उच्चतर शिक्षा विभाग, प्रारंभिक शिक्षा विभाग और सर्वशिक्षा अभियान निदेशालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। जानकारी के अनुसार बैठक में कुछ शाखाओं के अधिकारियों ने शिक्षा मंत्री द्वारा मांगी गई जानकारी पूरी तरह से नहीं दी। उनको इसके बारे में पूरी तरह से पता ही नहीं था, जिस पर मंत्री ने उनको कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिस शाखा को अधिकारी चला रहे हैं, उनके बारे में ही उनको पता नहीं है, तो विभाग कैसे चलता है। उन्होंने कहा कि अफसरशाही को गंभीरता के साथ काम करना होगा, अन्यथा कोताही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने यहां तक कह दिया कि सभी जनता के सेवक हैं और जनता के टैक्स की कमाई से सभी को वेतन मिलता है। फिर चाहे अफसर हो या फिर नेता। यदि कोई अधिकारी जनता के काम को बेवजह लटकाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बैठक में शिक्षा सचिव अरुण शर्मा, निदेशक उच्चतर डा. अमर देव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा, सर्वशिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली, एमएल आजाद, सहित ब्रांच अफसर और सुपरिंटेंडेंट मौजूद थे।

बजट का ब्यौरा दें

शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों से बजट का भी पूरा ब्यौरा मांगा और कहा कि तय बजट खर्च होना चाहिए जो लैप्स ना हो। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने स्कूल और कॉलेज काफी ज्यादा खोले हैं। खाली पद भी भरे जा रहे हैं। विभाग का मुख्य एजेंडा अब क्वालिटी एजुकेशन होना चाहिए।

मीटिंग में एसीआर मामले पर भी चर्चा

बैठक में शिक्षक और गैर शिक्षकों की लंबित एसीआर के मसले पर भी चर्चा हुई। उन्हें बताया गया कि एसीआर को समय पर नहीं भरा जाता। इस कारण प्रोमोशन में काफी दिक्कतें पेश आती हैं और मामले लटके रहते हैं। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 30 फीसदी एसीआर का कार्य लंबित है। कालेजों के शिक्षकों की एसीआर काफी संख्या में लंबित पड़ी हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसे पूरा करने को कहा।


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