साकार होगा 680 करोड़ का सपना!

वर्ल्ड बैंक टीम के दौरे से इंटीग्रेटेड डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट को मंजूरी की जगी आस

सोलन— हिमाचल प्रदेश में 680 करोड़ रुपए के इंटीग्रेटेड डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट (आईडीपी) का भविष्य वर्ल्ड बैंक मिशन की टीम द्वारा तय किया जाएगा। वर्ल्ड बैंक की टीम 11 से 18 फरवरी तक हिमाचल दौरे पर आ रही है। टीम द्वारा तय किया जाएगा कि इस प्रोजेक्ट को किस-किस जिले में और कहां-कहां पर कार्यान्वित किया जाएगा। करीब एक वर्ष बाद हिमाचल प्रदेश में इस प्रोजेक्ट के आगे बढ़ने की उम्मीद जगी है। जानकारी के अनुसार मार्च, 2017 में मिड हिमालयन वाटरशैड प्रोजेक्ट की अवधि समाप्त हो चुकी थी। करीब 1500 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के खत्म होने के बाद 300 से अधिक कर्मचारियों के रोजगार पर संकट के बादल मंडराने लगे। नियमित रूप से सेवाएं दे रहे कई कर्मचारियों को इस प्रोजेक्ट से हटाकर अन्य स्थान पर भेज दिया गया, जबकि अस्थायी रूप से सेवाएं देने वाले कर्मचारियों की नौकरी दांव पर लग गई। करीब एक वर्ष पहले वर्ल्ड बैंक द्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए 680 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया था। बाद में प्रदेश में आचार संहिता लग गई। अब वर्ल्ड बैंक की टीम द्वारा निरीक्षण किया जाएगा कि किस जिला में इस प्रोजेक्ट के तहत बेहतरीन कार्य हो रहा है। कहां-कहां पर बेहतर कार्य की संभावनाएं है। इन तमाम पहलुओं की जांच करने के बाद वर्ल्ड बैंक की टीम इस प्रोजेक्ट के  बजट को जारी करने के लिए हरी झंडी देगी। आईडीपी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक वीवीआर सिंह का कहना है कि वर्ल्ड बैंक की टीम दौरे पर आ रही है। उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट जल्द शुरू हो जाएगा।

प्रोजेक्ट के तहत ये काम

आईडीपी प्रोजेक्ट के तहत प्राकृतिक जल स्रोत के पानी को संग्रहित करने के बाद उसे किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि हिमाचल में कृषि उत्पादन बढ़ सके। इसी प्रकार भू-कटाव को रोकने के लिए भी इस प्रोजेक्ट के तहत काम किया जाएगा। इसी प्रकार पशु सुधार की दिशा में भी काम किए जाने की योजना है। आईडीपी प्रोजेक्ट के बजट का बड़ा हिस्सा किसानों की आर्थिक स्थित सुधारने पर खर्च किया जाएगा।

500 पंचायतें शामिल

बताया जा रहा है कि जिला लाहुल-स्पीति व किन्नौर को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में यह प्रोजेक्ट संचालित किया जाएगा। करीब 500 पंचायतों को इस प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया गया है।