सिंचाई योजनाओं को पैसा नहीं देगा केंद्र

By: Feb 22nd, 2018 12:16 am

दिसंबर, 2019 तक कोई भी स्कीम मंजूर नहीं करेगी नरेंद्र मोदी सरकार

 हमीरपुर— केंद्र की मोदी सरकार हिमाचल प्रदेश की सिंचाई योजनाआें से रूठ गई है। अगले दो साल तक राज्य की किसी भी सिंचाई योजना को केंद्र से धेला नहीं मिलेगा। भारत सरकार ने दिसंबर, 2019 तक किसी भी नई मध्यम सिंचाई योजना की मंजूरी न देने का फैसला लिया है। केंद्र ने कड़ा फरमान जारी किया है कि देश भर में चिन्हित की गई 99 मध्यम सिंचाई योजनाआें को ही फंडिंग होगी। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की हाई पावर कमेटी के इस निर्णय के अनुसार इन स्कीमों का कार्य पूरा होने के बाद ही अगले चरण में मध्यम सिंचाई योजनाएं शामिल की जाएंगी। बताते चलें कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में केंद्र सरकार ने देश भर की 145 मध्यम सिंचाई योजनाएं शामिल की थीं। इसके तहत मापदंड निर्धारित कर कहा गया था कि इन स्कीमों में केंद्र और राज्य की बराबर फंडिंग होगी। इसी के साथ कड़ी शर्त लगाई गई थी कि पहले राज्य को अपने हिस्से का 50 फीसदी खर्च करना होगा। शेष फंडिंग केंद्र सरकार करेगी। इस शर्त के आधार पर 46 स्कीमें बाहर हो गईं, जिसमें फिन्ना सिंह तथा हमीरपुर की नादौन मध्यम सिंचाई योजना शामिल है। अब राज्य की दोनों ही सिंचाई योजनाएं फंडिंग के चलते दम तोड़ रही हैं। उस दौरान राज्य सरकार ने 50 फीसदी से ज्यादा खर्च नहीं किया था। इस कारण इन्हें फंडिंग की अप्रूवल से बाहर कर दिया था। अब फिन्ना सिंह और नादौन दोनों ही स्कीमों पर हिमाचल सरकार अपने हिस्से से ज्यादा की राशि खर्च कर चुकी है, लेकिन तय अवधि निकल चुकी है। इस कारण केंद्र सरकार ने कड़ा फैसला लिया है कि सबसे पहले 99 देश भर की मध्यम सिंचाई योजनाआें को ही 31 दिसंबर, 2019 तक फंडिंग होगी। इसके बाद नई स्कीमों के लिए फंड जारी होंगे।

गडकरी से उठाया मसला

आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने इस मसले को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी से प्रमुखता से उठाया है। उन्होंने दोनों ही सिंचाई योजनाआें को विशेष दायरे में लाकर केंद्र से फंडिंग की गुहार लगाई है।


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