सूखे की चपेट में फलदार पौधे

सोलन  – जिला भर में सूखे ने बागबानों को 21 लाख रुपए का चूना लगाया है। 7900 विभिन्न प्रकार के फलदार पौधे सूखे की चपेट में आए हैं। इसके अलावा सूखे की वजह से 150 मीट्रिक टन फलों का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है, जिसके कारण  बागबानों को करीब 15 लाख रुपए का नुकसान आने वाले दिनों में झेलना पड़ेगा।  जानकारी के अनुसार बीते वर्ष अक्तूबर माह से दिसंबर तक बारिश  काफी कम हुई है। लगभग न के बराबर बारिश होने की वजह से फलदार पौधे सबसे अधिक नष्ट हुए हैं। बागबानों ने लाखों रुपए खर्च करके फलदार पौधे खरीदे थे। इस बात का अंदाजा शायद किसी को भी नहीं था कि तीन माह का लंबा सूखा पड़ेगा। लगातार सूखे की स्थिति बनी रहने की वजह से फलदार पौधे सूखने लगे हैं। बताया जा रहा है कि सबसे अधिक नुकसान जिला के नालागढ़ क्षेत्र में हुआ है। इस क्षेत्र में किसानों द्वारा आम, आंबला व पपीता  के पौधे लगाए थे। हजारों पौधे सूखे की वजह से सूख चुके हैं। इसके अलावा जिला के कुनिहार, धर्मपुर व आसपास के क्षेत्रों में भी फलदार पौधों को काफी अधिक नुकसान हुआ है। आंबला, लीची तथा अन्य फलदार पौधे भी इन क्षेत्रों में सूखे की चपेट में आए हैं। इन सबकी वजह से बागबानों को करीब 21 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है। यदि आने वाले दिनों में भी मौसम का मिजाज इसी प्रकार बना रहा, तो नुकसान का आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता है। मौसम की बेरुखी ने बागबानों की चिंता काफी अधिक बढ़ा दी है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिला भर में आम के पौधों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। 3100 आम के पौधे अब तक सूख चुके हैं। इसी प्रकार 5700 अन्य पौधे सूखे की चपेट में आ चुके हैं।  उद्यान विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सूखे की वजह से इस बार फल उत्पादन पर भी काफी अधिक असर पड़ेगा। करीब 15 से 20 प्रतिशत तक फलों के उत्पादन में गिरावट आ सकती है।  एक  अनुमान के अनुसार 150 मीट्रिक टन तक फलों के उत्पादन में गिरावट आ सकती है। यदि ऐसा होता है, तो करीब 15 लाख रुपए का नुकसान बागबानों को झेलना पड़ सकता है। सबसे अधिक असर आम तथा अन्य गुठलीदार फलों के उत्पादन पर पड़ेगा। उद्यान विभाग के उपनिदेशक बलवंत गुलेरिया का कहना है कि नुकसान की रिपोर्ट सरकार को भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि फलदार पौधों को सूखे के कारण काफी नुकसान हुआ है। विभाग नुकसान पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।