150 छात्रों को डायरिया

सुंदरनगर के हाड़ाबोई स्कूल के बच्चे उल्टी-दस्त की चपेट में

सुंदरनगर— मुख्यमंत्री के गृह जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल बनी हुई हैं। कहीं चिकित्सक नहीं हैं, तो जहां हैं भी उनके कंधों पर चार-चार चिकित्सकों के काम का बोझ है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। इसकी पोल सुंदरनगर के हाड़ाबोई में खुलकर सामने आई है, जहां डायरिया का भारी प्रकोप फैला हुआ है। राजकीय प्राथमिक पाठशाला और राजकीय उच्च पाठशाला में अध्ययनरत 150 के करीब बच्चे डायरिया की चपेट में आ गए हैं, जिससे स्कूल में प्रबंधन सकते में आ गया है। बच्चे आए दिन उल्टी, दस्त, तेज  बुखार, कमजोरी होने जैसे लक्षणों से प्रभावित हैं। स्वास्थ्य विभाग भी चिकित्सकों की कमी होने का हवाला देकर मौके पर डाक्टरों को भेजने में नाकाम रहा है। आशा वर्कर और हैल्थ वर्कर के सिरे मामले देखने की बात कही जा रही है। यह सिलसिला स्कूलों में एक महीने से नियमित जारी है। बच्चे मजबूरन शिमला के सुन्नी और आईजीएमसी में उपचार सुविधा लेने को विवश हैं। हाड़ाबोई के आसपास के स्वास्थ्य संस्थान और विशेष तौर पर रोहांडा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सफेद हाथी साबित हुए हैं। जहां कोई भी चिकित्सक नहीं है। स्कूल मुख्य अध्यापिका सरस्वती देवी ने मुख्यमंत्री से इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करने और राहत व बचाव कार्य शुरू करने की मांग की है, ताकि लोगों को सुविधा मिल सके। सीएमओ डा. देशराज शर्मा का कहना है कि हाड़ाबोई में डायरिया का प्रकोप फैलने की सूचना है। चिकित्सकों की टीम फील्ड में भेजी गई है। हाड़ाबोई पीएचसी में कोई भी चिकित्सक नहीं है। बीएमओ रोहांडा डा. अविनाश पंवर ने बताया कि हाड़ाबोई में चपरासी व फार्मासिस्ट हैं, जो कि माइनर उपचार करने के लिए ट्रेंड हैं।