आफिस के साथ घर संभालना चैलेंज

सोलन —प्रत्येक क्षेत्र में आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ महिलाओं का समाज की उन्नति में भी महत्त्वपूर्ण योगदान है।  महिला दिवस के अवसर पर ‘दिव्य हिमाचल‘ ने समाज की कुछ ऐसी ही महिलाओं से बात की है।  सोलन महाविद्यालाय में प्रधानाचार्या के पद पर कार्यरत शीला कपूर ने कहा कि आफिस के साथ-साथ घर को संभालने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शीला ने कहा कि पूरे महाविद्यालय की जिम्मेदारी को निभाते हुए वह अपने घर को पर्याप्त समय नहीं दे पाती हैं। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक परेशानी तो तब होती है, जब आपका तबादला किसी और जगह पर कर दिया जाता है। हालांकि समय के साथ आपको हर परिस्थिति में ढलने की आदत डालनी पड़ती है।  सोलन ट्रैफिक में कार्य कर रही खेमी शर्मा ने कहा कि वह दिन- रात को सड़कों पर खड़े होकर अपने कर्त्तव्य को पूरा करती हैं, लेकिन अपने कार्य को करते समय वह अपने परिवार को समय नहीं दे पाती हैं, जिसके चलते अब बच्चों को उनसे शिकायत होने लग गई है। इसी के चलते वह घर में जाकर बच्चों को नहीं पढ़ा सकती, जिसके चलते उन्हें बच्चों को महंगी जगहों पर ट्यूशन के लिए भेजना पड़ता है।  सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में चमड़ी रोग के विशेषज्ञ डा. रजनी शर्मा ने कहा कि एक समय में परिवार और अस्पताल को समय देना नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि उनकी एक छोटी बच्ची है, तो उसे स्कूल छोड़ना और स्कूल से घर लाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ लोगों की सेवा करनी है, तो दूसरी तरफ परिवार का ख्याल रखना है। बीडीओ डा. प्रियंका चंद्रा ने बताया कि यदि इनसान को खुद में भरोसा हो, तो वह कोई भी कार्य कर सकता है। उन्हें अभी तक अपने घर के कार्य के चलते आफिस में कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने समय के साथ खुद को हमेशा बदला है।