चंबा —उपायुक्त कार्यालय में कार्यरत तारा का कहना है कि घर और कार्यालय दोनों में तालमेल बिठाने के लिए उनकी सुबह की शुरुआत घड़ी की सुइंयों से होती है, जो कि अब लाइफ लाइन बन चुकी है। बुजुर्गों की देखभाल के साथ-साथ आए गए रिश्तेदारों की तीमारदारी करने में दिक्कतें तो आती हैं मगर वह उसे आसानी से मैनेज कर लेती हैं। तालमेल बिठाए बिना गुजारा भी नहीं होता रीता जोशी ने बताया कि घर गृहस्थी एवं नौकरी करनी है तो जीवन के साथ समझौता करना पड़ेगा। इसके चलते वह सुबह जल्दी उठ कर बच्चों का टिफिन एवं उन्हें तैयार करके स्कूल भेजने के साथ अन्य कार्यों को पूरा कर समय पर आफिस के लिए निकलना दिनचर्या का हिस्सा है, जिस कारण उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता। निशा शर्मा का कहना है कि एक महिला को अपना बेस्ट एक काम के जरिए ही साबित करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि भले ही आज के दौर में महिला को घर से बाहर जाकर नौकरी करने की आजादी मिलती है, लेकिन जिम्मेदारी की डोर घर परिवार व प्रोफेशनल लाइफ से बांधे रखती है। ज्योति का कहना है कि नौकरी के साथ पारिवारिक जिम्मेदारियों के बेहतरीन निर्वहन के लिए समयसारिणी का निर्धारण कर रखा है। दोनों ही क्षेत्रों में भले ही कठिनाइयां पेश आती हों, लेकिन अपना बेस्ट करके खुद को रोज साबित करना पड़ता है।