एचपीयू का बजट 216 करोड़

By: Mar 27th, 2018 12:20 am

83 करोड़ अपने संसाधनों से जुटाएगा विश्वविद्यालय

शिमला –हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का वित्त सत्र 2018-19 का बजट 216 करोड़ का होगा। सोमवार को सचिवालय में हुई वित्त कमेटी की बैठक में एचपीयू का बजट रखा गया, जिसमें इस बार 23 करोड़ घाटे का बताया गया है।  बजट में यह घाटा पिछली बार से कम है, पिछले बजट में विवि का बजट 25 करोड़ घाटे का था। विवि का जो बजट सोमवार को पेश किया गया है, इसमें 23 करोड़ के घाटे के साथ ही विवि 83 करोड़ के करीब आय अपने संसाधनों से जुटाएगा। 29 मार्च को होने वाली ईसी की बैठक में यह बजट पास किया जाएगा, जिसमें ईसी सदस्य बजट प्रस्ताव पर चर्चा करने के बाद इस पर अंतिम मुहर लगाएंगे। विश्वविद्यालय को 216 करोड़ के बजट में 83 करोड़ आय अपने संसाधनों से मिलेगी। वहीं 110 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदेश सरकार की ओर से विश्वविद्यालय को दिया गया है। इसके अतिरिक्त जो भी बजट शेष बचता है, उसमें विवि अपने ही संसाधनों से इसे पूरा करने का प्रयास करेगा। हालांकि किसी भी हद में विवि घाटे को तो पूरा नहीं कर पाएगा, लेकिन इस बार के बजट में कुछ नए प्रस्तावों के लिए भी बजट आबंटित करने का प्रावधान विवि ने रखा है। विवि के गत वित्त वर्ष 2017-18 के बजट की बात की जाए, तो यह बजट 191 करोड़ का था, जिसमें 25 फीसदी घाटा विवि ने आंका था। इसके मुकाबले में वित्त वर्ष 2018-19 का बजट बेहतर आंका जा रहा है, जिसमें कि घाटा कम है और कुछ नए प्रस्तावों के लिए भी बजट का प्रावधान विवि करने जा रहा है। विवि के गत वर्षों के बजट की बात की जाए, तो वर्ष 2017-18 में 191 करोड़ का बजट पेश किया है, जिसमें 25 करोड़ का घाटा बताया गया। वर्ष 2016-17 के लिए 177.50 करोड़ का बजट पेश किया था, जिसमें 20.36 करोड़ का घाटा बताया गया। वर्ष 2015-16 के लिए 155.24 करोड़ का बजट पास किया गया था, जिसमें 24.76 करोड़ का घाटा बताया गया था। तीन वर्षों से बजट घाटे का ही रहा है, ऐसे में इस वर्ष भी स्थिति यही रही है।

नहीं बढ़ेगी फीस, छात्रों को राहत

सोमवार को सचिवालय में हुई वित्त समिति की बैठक में एचपीयू में फीस वृद्धि पर गठित रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा की गई। इसमें फैसला लिया गया कि विश्वविद्यालय इस वर्ष किसी भी तरह की फीस बढ़ोतरी नहीं करेगा। इस फैसले से विवि के हजारों छात्रों को बड़ी राहत मिली है।

वाई-फाई पर होगा फोकस

एचपीयू के बजट प्रस्ताव में इस बार स्मार्ट क्लास रूम बनाने पर फोकस रखा जाएगा। साथ ही कर्मचारी आवास के लिए भी बजट में प्रावधान किया जाएगा। वहीं कैंपस को वाई-फाई से लैस करने के लिए भी बजट बजट प्रस्ताव में रखे जाने पर चर्चा हुई। इसके साथ ही कई वर्षों से लंबित एचपीयू के घणाहट्टी में बनने वाले कैंपस के लिए भी बजट का प्रावधान बजट प्रस्ताव में करने पर चर्चा हुई।

18 करोड़ अतिरिक्त बजट की मांग 

विश्वविद्यालय की वित्त समिति की बैठक मेें बजट प्रस्ताव में 18 करोड़ की राशि की अतिरिक्त मांग प्रदेश सरकार से की गई है। यह मांग कर्मचारियों के एरियर के लिए विश्वविद्यालय ने की है। प्रदेश भाजपा सरकार की ओर से जो अंतरिम राहत कर्मचारियों को प्रदान की गई है, उससे विवि पर 15 करोड़ से अधिक अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

सैलरी-पेंशन पर 90 करोड़ खर्च

विवि की आय का मुख्य स्रोत सरकार द्वारा बढ़ाए जाने वाला बजट और छात्रों से आने वाली फीस है। विवि के बजट का एक बड़ा हिस्सा कर्मचारियों, प्रोफेसरों, पेंशनरों की सैलरी में जाता है। लगभग एक वर्ष में 90 करोड़ इस पर खर्च आता है। यूजीसी से डिवेलपमेंट के लिए ग्रांट आती है, लेकिन विवि इसे प्रशासनिक कार्य में खर्च नहीं कर सकता है। फीस से 10 से 12 करोड़ की आय हो रही है।


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