एमसीआई की दबिश से फूली हैल्थ डिपार्टमेंट की सांसें
नाहन में पाई गई हैं खामियां; अब मंडी-हमीरपुर-चंबा की बारी, जुगाड़ के सहारे कालेज
टीएमसी— मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की टीम की मेडिकल कालेज नाहन में दी गई दस्तक के बाद प्रदेश के दूसरे नए बने मेडिकल कालेजों की सांसें फूल गई हैं। बताते हैं कि नाहन में फैकल्टी और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को लेकर एमसीआई की टीम ने कालेज प्रशासन को फटकार लगाई है। ऐसे में दूसरे मेडिकल कालेजों में भी इस बात से हड़कंप मचा हुआ है कि यदि एमसीआई की टीम अचानक कभी आ धमकी, तो जवाब देना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि प्रदेश के दूसरे नए मेडिकल कालेजों में भी अभी बहुत कमियां हैं। जुगाड़ के सहारे इन मेडिकल कालेजों को चलाया जा रहा है। इसमें कभी टीएमसी से डाक्टरों को भेजा जा रहा है, तो कभी आईजीएमसी से। मंडी मेडिकल कालेज के लिए पिछले साल टीएमसी से डाक्टरों को ट्रांसफर किया गया था, क्योंकि वहां क्लासें शुरू करनी थीं और एमसीआई की टीम ने दौरा करना था। इनमें से कुछ को थोड़े समय बाद बुला लिया गया था। उसी तरह चंबा मेडिकल के लिए भी टीएमसी से ही डाक्टरों के तबादले किए गए हैं, उनमें से कुछ वापस भी आ गए हैं। वहीं फैकल्टी के अलावा एमसीआई की टीम किसी भी कालेज के इन्फ्रास्ट्रक्चर में वहां की बायोकेमिस्ट्री और पैथोलॉजी लैब में होने वाले टैस्ट, आईसीयू व सीसीयू आदि में दी जा रही सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण करती है।
टीएमसी में फैकल्टी की भारी कमी
अभी हाल ही में टीएमसी से ही हमीरपुर मेडिकल कालेज के लिए 14 डाक्टरों के तबादले किए गए हैं, क्योंकि वहां इस सेशन से कक्षाएं बिठाने की तैयारी है। ऐसे में डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज की तो आज हालत ऐसी है कि यदि गलती से एमसीआई की टीम यहां दस्तक दे देती है, तो कालेज प्रशासन को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। वर्तमान में फैकल्टी की भारी कमी यहां चल रही है। आईसीयू और सीसीयू में व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं। वेंटिलेटर खराब पड़े हैं।
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