गगल एयरपोर्ट को और चाहिए 124 एकड़ जमीन

अब तक अधिगृहीत 29 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंपी, 1800 मीटर तक बढ़ाई जाएगी पट्टी

गगल — हिमाचल सरकार अगर शीघ्र ही 124 एकड़ जमीन अधिगृहीत कर लेती है, तो गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का काम शुरू हो जाएगा। मास्टर प्लान के जरिए यहां हवाई पट्टी 1800 मीटर तक विस्तार किया जाएगा। इससे यहां 150 सीटर विमान उतारा जा सकेगा। मौजूदा समय में यहां 80 सीटर स्पाइस जेट लैंड कर पाता है, जबकि दिल्ली के लिए ज्यादातर 55 यात्री ही भेजे जा सकते हैं। खबर की पुष्टि करते हुए हवाई अड्डा निदेशक सोनम नोरबू ने बताया कि सरकार से शीघ्र ही जमीन मिलने की आस है। गौर रहे कि हवाई अड्डे के विस्तारीकरण का कार्य शुरू किया जाना है। इसके लिए कुल 153 एकड़ भूमि चाहिए। अभी तक प्रदेश सरकार ने 29 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंपी है। अब 124 एकड़ जगह की जरूरत है, इसके बाद हवाई पट्टी को और बढ़ा दिया जाएगा। मौजूदा समय में 1572 मीटर लंबा रनवे है और अभी तक स्पाइस जेट का 80 सीटर और एयर इंडिया के 70 सीटर विमान ही यहां पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। खास बात यह कि दिल्ली से गगल तो पूरे यात्री आते हैं, परंतु गगल से दिल्ली जाती बार 50 से 55 यात्री ही ले जाए जा सकते हैं, क्योंकि इसके लिए रनवे की लंबाई छोटी पड़ जाती है। अब इस हवाई पट्टी को 228 मीटर और बढ़ाकर 1800 मीटर किया जाएगा। इसके बाद यहां 150 सीटर विमान व एयरबस भी लैंड कर सकेंगे। खास बात यह है कि इससे किराया भी कम होगा और इस हवाई अड्डे की पूरे भारत के अड्डों से  जुड़ने की संभावना भी बढ़ जाएगी।

देश के दूसरे अड्डों से कनेक्टिविटी

हवाई अड्डे का विस्तार होने से गगल की दूसरे एयरपोर्ट से भी कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। पर्यटन को भी पंख लेगेंगे। रोजाना औसतन तीन फ्लाइट में करीब 200 यात्री यहां से आवाजाही करते हैं। इनमें कई वीवीआईपी होते हैं। हवाई अड्डे पर करीब 100 कर्मी तैनात हैं, जिनमें 50 एयरपोर्ट अथारिटी के हैं।