1835.4 मेगावाट की हैं परियोजनाएं, 50 हजार प्रति मेगावाट चार्ज करेगी सरकार
इन परियोजनाओं का होगा आबंटन
साल-एक 6.5 मेगावाट, खौली-दो 6.0 मेगावाट, चोबिया-एक 14.0 मेगावाट व डुगर 449.0 मेगावाट रावी व चिनाब बेसिन पर बनने वाले प्रोजेक्ट हैं, जिनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पहले से तैयार है। इनके अलावा जो दूसरे प्रोजेक्ट हैं, उनमें सेली 400 मेगावाट, बरदंग 138, पुरथी 210, मी-7.5, धेड़ा 8.9, धेड़ा-एक 9.4, झनकार 24.5, कुटोई 6.2, गलवत 12.8, ऊर-एक 5.8 मेगावाट, जोकि चिनाब के प्रोजेक्ट हैं। दूसरी ओर नोगली टॉप 8.4, वांगर-दो 36.9, डुलिंग 8.4, तागला 63.6, रोपा चरण-दो व तीन 205, ललूणी 19.5, खलिहण 19.1, मनालसू 21.9, लारा सुमटा 48, सुमते कोथांग 62, रोपा टॉप 12, वांगर 10, सेरी रावला सात मेगावाट तथा ग्यामथिंग-एक 15 मेगावाट शामिल हैं। इनमें कुछ प्रोजेक्ट खड्डों पर हैं तो दो परियोजनाएं सतलुज नदी पर आधारित बताई जाती हैं। ये परियोजनाएं किन्नौर, कुल्लू और शिमला में प्रस्तावित हैं।
पूर्व सरकार ने भी करवाई थी बिडिंग
पूर्व सरकार ने भी इन प्रोजेक्टों के लिए कई दफा बिडिंग करवाई थी, लेकिन तब निवेशकों ने रुझान नहीं दिखाया। बार-बार बिडिंग के बाद भी कोई नहीं आया, लिहाजा अब नई सरकार ने भी यहां प्रोजेक्टों के आबंटन को नई शर्तों पर देने का काम शुरू किया है। देखना होगा कि अबकी बार कितने आवेदन इनके लिए आते हैं।