जरूरत पड़ी तो हेलिकाप्टर से बुझाएंगे आग

सीएम बोले; जंगलों को यूं ही भड़कने नहीं देंगे, चलाएंगे जागरूकता अभियान

शिमला— मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि जंगल की आग काबू करने के लिए यदि भविष्य में हेलिकाप्टर की मदद लेनी पड़ी तो वह भी ली जाएगी। इसकी व्यवहारिकता को देखकर विशेष परिस्थितियों में यदि जरूरत पड़ती है तो सरकार इससे भी नहीं चूकेगी।  जंगल को आग के हवाले करना दंडनीय अपराध है, जिसके लिए लोगों को दायित्व बोध कराना सरकार की जिम्मेदारी है, लिहाजा जागरूकता के लिए अभियान जारी रहेगा। सीएम ने कहा कि जंगल में आग कौन लगता है, इसका पता लगाना मुश्किल है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति जंगलों में आग लगाते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सदन में एक सवाल के उत्तर में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग अच्छे घास के लिए जंगल में आग लगा देते हैं, परंतु लोगों को जागरूक करना सरकार की जिम्मेदारी है। जागरूकता के लिए 12 दिन का एक विशेष अभियान शुरू किया गया है और सरकार जंगल बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

सीमेंट उद्योगों को बेचेंगे चीड़ की पत्तियां

विधायक बलबीर सिंह के मूल सवाल पर वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के जंगलों में सबसे ज्यादा आग चीड़ की पत्तियों से लगती है। लिहाजा समस्या से निपटने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। इसके तहत चीड़ की पत्तियों को इकट्ठा कर सीमेंट उद्योगों को दिया जाएगा। इस कार्य को मनरेगा के तहत भी करवाया जा सकता है। सीमेंट उद्योगों से सामाजिक दायित्वों के अधीन ट्रांसपोर्टेशन का खर्च लिया जाएगा साथ ही इन पत्तियों को दूसरे राज्यों में बेचने की भी इजाजत दी जाएगी।

आग लगे तो फोन घुमाएं

वन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने वनों में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए टॉल फ्री नंबर शुरू किया है। यह नंबर 18001808097 है, जिस पर लोग जंगल में आग लगने पर तुरंत संपर्क कर जानकारी दे सकते हैं।

अभियान के खर्च पर सवाल

विधायक जगत सिंह नेगी ने सुझाव दिया कि विदेशों की तर्ज पर हेलिकाप्टर से आग बुझाने का कार्य किया जाए। उन्होंने जागरूकता अभियान पर खर्च किए जाने वाले बजट पर भी सवाल उठाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरूकता अभियान पर खर्च करने को अनावश्यक बताना सही नहीं है।