टकारला मोड़ पर सूखे कई बूटे

चुरुडू —ऊना जिला के पूर्व डीसी यूनुस खान द्वारा चलाई गई एक योजना ‘एक वन बेटी को समर्पित’ अब बिना देखभाल के सिरे नहीं चढ़ पाई है। बता दे कि जिला ऊना के पूर्व में डीसी यूनुस खान ने वर्ष 2016 में उक्त योजना का उद्घाटन किया था, जिसे की ‘एक वन बेटी को समर्पित’ नाम दिया था। जिसके तहत टकारला मोड़ के पास करीब 20 कनाल के भूमि पर 200 पौधे रोपे गए थे। इसमंे आम, आंबला, जामुन, शहतूत जैसे फलदार पोधों के अलाबा पीपल, अर्जुन, हरड़, बहेड़ा, शीशम, बांस, सिल्वर ओक के पेड़  आदि लगाए गए थे। यह पौधे वन विभाग के द्वारा विशेष तैयार करवाए गए थे, जो कि तीन वर्ष में छह से आठ फीट की ऊंचाई ले लेते है। यह प्रदेश में पहली बार जिला ऊना में लगाए गए थे। बेटियों को समर्पित इस योजना में पौधे आवारा पशुओं से बचाने के लिए सीमेंट के 80 खम्बे लगाए गए थे तथा इस पूरे क्षेत्र के बचाव हेतु कांटेदार तार के द्वारा तारबंदी की गई थी। इस वन की देखभाल के लिए एक कर्मचारी वन बिभाग के द्वारा क्षेत्र में तैनात करने के आदेश दिए थे, परंतु इसके बावजूद आज इस बेटिओ को समर्पित वन की हालत खराब हो चुकी है। इसमें लगे कई पौधे सूख चुके हैं। इस वन के साथ लगा एक बैंक का बड़ा सा होर्डिंग्स भी जो कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश हेतु लगाया गया था आज टूट चुका है। सबसे अहम बात इस बेटिओ के प्रति लागए गए योजना की शुरुआत भी इसी जगह पौधे लगाकर की गई थी तथा पौधे लगाकर पूरा वन बेटिओ को समर्पित कर दिया गया था। अब इस वन को प्रशासन लगाकर भूल गया है। बिना देखभाल के इस वन में जगह-जगह झाडि़यां उग गई है तथा ज्यादातर फलदार पौधे बिना देखभाल के अब सूख गए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया की शुरू में इस वन की देखभाल के लिए वन विभाग के कर्मचारी आते थे, परंतु अब इसकी देखभाल के लिए कोई भी नहीं आता है। इसकी वजह से इस भूमि में लगाए गए कई पेड़-पौधे अब सूख गए हंै। इस बारे संबंधित क्षेत्र रेंजर अशोक कुमार धीमान ने बताया कि वन की देखभाल के लिए नजदीक ही स्थित सरकारी वन नर्सरी के पास देखभाल का जिम्मा है। उधर, एसडीएम अंब सुनील वर्मा से इस बारे जब बात की गई तो उन्होंने बताया इस बारे उचित कदम उठाएं जाएंगे।