नए उद्योगों को नहीं बढ़ेगा बिजली रेट

शिमला— हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ाने की दृष्टि से सरकार ने पंजाब व हरियाणा का मुकाबला करने की तैयारी कर ली है। यहां भी सरकार ने ऐलान किया है कि जो भी नया निवेशक यहां आएगा, उसे पांच साल तक बिजली का रेट साढ़े चार रुपए प्रति यूनिट ही लगेगा।   नेगेटिव लिस्ट से बाहर रहने वाले उद्योगों को ही इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ सरकार ने छोटे व मझोले उद्योगों को भी विद्युत शुल्क में राहत प्रदान की है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बजट में यहां नए निवेश को रिझाने के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी न किए जाने की बात कही है। इसके लिए सरकार ने विद्युत नियामक आयोग से भी सिफारिश की है, जो कि जल्द ही नया टैरिफ घोषित करने वाला है। सरकार ने लघु उद्योगों पर लगने वाले विद्युत शुल्क को चार फीसदी से घटाकर दो फीसदी करने को कहा है। वहीं मझोले उद्योगों को जिन पर विद्युत शुल्क 10 प्रतिशत लगता था, को तीन फीसदी की कटौती का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि कंदरौड़ी और पंडोगी उद्योग क्षेत्रों का काम प्राथमिकता पर पूरा किया जाएगा। औद्योगिक प्लाट्स के लिए भूमि वर्तमान में 30 साल के लिए पट्टे पर दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर सरकार ने 90 साल करने का ऐलान किया है। बद्दी- बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण के लिए सरकार ने 35 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। साथ ही बरोटीवाला-मंधाला-परवाणू तथा बरोटीवाला-गुलाई-परवाणू सड़क को चौड़ा करने के लिए चार करोड़ का बजट प्रावधान रखा है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश से खनन माफिया को भी समाप्त करने की बात कही है। वहीं खनन स्थानों को ऑनलाइन पारदर्शी प्रतिस्पर्धात्मक निविदाओं द्वारा आबंटित किया जाएगा। सरकार ने लोहा व स्टील, धागा तथा प्लास्टिक के सामान पर ऑडिशनल गुड्ज टैक्स को वर्तमान दर से 25 फीसदी कम करने का ऐलान किया है, वहीं जीएसटी में मिलने वाले लाभ को प्रोत्साहन के रूप में आंशिक तौर पर उद्योगों को भी देने की बात कही है। राज्य में नए उद्योग क्षेत्रों को विकसित करने के लिए भी सरकार गंभीरता के साथ प्रयास करेगी। हालांकि उद्योगपति कई और रियायतें भी सरकार से चाहते थे, परंतु सीमित संसाधनों में अभी सरकार वे बड़े ऐलान इस क्षेत्र के लिए नहीं कर पाई है।