परिवार के सहयोग से हर चुनौती का हाल आसान

By: Mar 6th, 2018 12:08 am

आपाधापी के इस दौर में कामकाजी महिलाएं जिम्मेदारी की डोर से बंधी हुईं हैं। समाज, परिवार और कारोबार में जिम्मेदारी का एहसास और समय का सही प्रबंधन ही वह अस्त्र है, जिससे कि महिलाएं तमाम मुसीबतों पर विजय पा रही हैं। ऐसी कामकाजी महिलाओं के जज्बे को सलाम, जो अपने परिवार के पालन-पोषण से लेकर दफ्तर और कारोबार की जिम्मेदारी भी सहज तरीके से निभा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर प्रदेश का अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ ऐसी ही खुद्दार महिलाओं से आपको रू-ब-रू करवा रहा है…..

हमीरपुर से सन्नी पठानिया की रपट

हर रोज देना पड़ता है बेस्ट

रेशमा दीक्षित, प्रधानाचार्य ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल स्कूल ने बताया कि नौकरी के साथ परिवार की जिम्मेदारी को सही ढंग से निभाने के लिए मैं समयसारिणी निर्धारित रखती हूं। स्कूल पर बच्चों की जिम्मेदारी होती है, तो घर पर परिवार से जुड़े कार्यों की। बेटे को रोजाना स्कूल भेजने के साथ-साथ उसकी बेहतर परवरिश की जिम्मेदारी और सास-ससुर की सेवा मेरे लिए अहम रहती है। दोनों ही क्षेत्र में कठिनाइयों का सामना कर अपना बेस्ट देकर खुद को रोजाना साबित करना पड़ता है

परिवार के साथ से बढ़ा आत्मविश्वास

रीता शर्मा इंचार्ज वूमन सेल पुलिस ने बताया कि पुलिस डिपार्टमेंट ज्वाइन करते ही एहसास हो गया था कि जीवनशैली चुनौतीपूर्ण होने वाली है। पति के भी पुलिस विभाग में तैनात होने से बेटी की परवरिश को लेकर काफी चिंतित थी, लेकिन परिवार की सपोर्ट से सब कुछ आसान हो गया। मैं और मेरे पति दिनभर ड्यूटी में व्यस्त और मेरे सास-ससुर मेरी बेटी का ख्याल रख उसे एक अच्छी परवरिश दे रहे हैं। परिवार का सहयोग और सकारात्मक भाव बहुत मायने रखते हैं।

निष्ठा से निभा रहीं जिम्मेदारियां

प्रीति भंडारी, डीएफओ ने बताया कि एक महिला के तौर पर अपना बेस्ट अपने काम के जरिए साबित करना पड़ता है। इसी के साथ घर की जिम्मेदारियों को भी उतनी ही निष्ठा से निभाना जरूरी होता है। भले ही आज के समय में महिला को बाहर जाकर नौकरी करने की आजादी मिलती है, लेकिन जिम्मेदारी की डोर घर परिवार और प्रोफेशनल लाइफ  से बांधे रखती है।

दो भूमिकाएं निभाना चुनौतीपूर्ण

नीलम कंवर, वाइस प्रिंसीपल  हमीरपुर पब्लिक स्कूल ने बताया कि अपने कार्य क्षेत्र और घर परिवार को एक समान समय देती हूं। नौकरी के साथ घर की जिम्मेदारी की भूमिका भी एक महिला के लिए अहम रहती है। एक कामकाजी महिला के लिए दोनों भूमिकाएं निभाना बेहद चुनौतीपूर्ण रहता है। सही तालमेल से हर चुनौती से निपटना सरल हो जाता है। अब यह रोज की दिनचर्या बन गई है।

खुद को साबित करना चैलेंज

पूजा कुमारी, असिस्टेंट मैनेजर  फैं्रकफिन एयर होस्टेस ने बताया कि काम और घर के बोझ के चलते एक महिला को तनाव होना आम बात है। महिलाओं के लिए अपने कार्यक्षेत्र में घर पर काम के साथ टाइम मैनेजमेंट करना बेहद जरूरी होता है। मैं अपने परिवार की सपोर्ट के साथ दोनों ही क्षेत्रों की जिम्मेदारी को अब आसानी से निभा लेती हूं। बिना किसी की मदद से खुद को रोजाना साबित करना चुनौतीपूर्ण रहता है।

एक सुखद अनुभव

पूजा ढटवालिया, एमडी अंतरिक्ष मॉल ने बताया कि रोजाना सुबह जल्दी उठकर परिवार के लिए नाश्ता बनाना पड़ता है। इसके बाद बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजना पड़ता है। इसके साथ मॉल में भी समय पर पहुंचकर सारा कामकाज देखना पड़ता है। शुरुआत में थोड़ी कठनाई हुई थी, लेकिन अब सब कामकाज के साथ परिवार की जिम्मेदारी निभाना एक सुखद अनुभव बन गया है।


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