फर्जीबाड़े से बचने को जलाए सबूत

टेक्नोमैक कंपनी की सीआईडी जांच में एक और बड़ा खुलासा

शिमला— करोड़ों के टैक्स चोरी में फंसी टेक्नोमैक कंपनी में रिकार्ड भी नष्ट किया गया है। सीआईडी की जांच में सामने आया है कि यहां कई टन रिकार्ड को जला दिया गया। बताया जा रहा है कि फर्जीबाड़े में कार्रवाई से बचने के लिए कुछ लोगों ने  सबूतों को ही नष्ट कर दिया। हालांकि इसके बावजूद सीआईडी कई अहम सबूत जुटाने में कामयाबी रही है, जिसके आधार पर वह इसके कर्ताधर्ताओं और कई सरकारी अधिकारियों पर शिकंजा कस रही है। हिमाचल सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाली कंपनी टेक्नोमैक में सबूतों की भी नष्ट किया गया है। सीआईडी की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, जांच में कई नए खुलासे हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि कंपनी की फैक्टरी में भारी मात्रा में रिकार्ड रखा गया था, लेकिन यह रिकार्ड भी गायब कर दिया गया। इस तरह फर्जीबाड़े पर कार्रवाई से बचने के लिए शातिरों ने एक और हथकंडा भी अपना डाला। सीआईडी सूत्रों की मानें तो जब इस कंपनी  को सीज किया गया था तो तब वहां भारी मात्रा में रिकार्ड पड़ा था। इसमें कंपनी का पूरा लेखा-जोखा था।  वहीं बताया जा रहा है कि जमीनों की खरीद फरोक्त का भी रिकार्ड यहां पर मौजूद थे क्योंकि कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने बेनामी संपति के तौर पर यहां जमीनें खरीदी थीं। इसके लिए किसानों के साथ एग्रीमेंट बनाए गए। इसी तरह अन्य कई तरह का रिकार्ड यहां मौजूदा था, लेकिन रिकार्ड का बड़ा हिस्सा गायब कर दिया गया है। ऐसे में अब सीआईडी इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। हालांकि सीआईडी ने ऐसे कई अहम सबूत जुटा लिए हैं जिससे अब पूरे फर्जीबाड़े की परते खुल रही हैं। उल्लेखनीय है कि इंडियन टैक्नोमैक कंपनी ने सिरमौर के माजरा में 2008 में अपनी फैक्टरी स्थापित की थी। कंपनी ने फैक्ट्री में प्रोडक्शन में भारी फर्जीबाड़ा किया और राज्य सरकार को भी करीब टैक्स के तौर पर करीब  2200 करोड़ रुपए की चपत लगाई । बैकों को 2300 करोड़ से अधिक का चूना लगाया है। इसके अलावा अन्य फर्जीबाड़ा भी किया गया। सीआईडी इस मामले में की जांच कर रही है और इसके एक निदेशक को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई अन्य इसकी कार्रवाई की चपेट में आ रहे हैं।