बैंक ने सीज किया भवन

हमीरपुर में ट्रिब्यूनल के आदेश पर लगाया अपना बोर्ड, तय अवधि में नहीं हो रहा था भुगतान

हमीरपुर  – कांगड़ा सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक ने जिला मुख्यालय के नजदीक स्थित तीन मंजिला भवन को सील कर दिया है। लाखों रुपए लोन लेकर व्यक्ति ने बैंक को निर्धारित समयावधि में रुपयों का भुगतान नहीं किया। बैंक द्वारा नोटिस निकालने के बाद व्यक्ति डीआरटी (डेबटस रिकवरी ट्रिब्यूनल) चंडीगढ़ में चलाया गया। ट्रिब्यूनल में लंबे समय तक मामला विचाराधीन रहा। ट्रिब्यूनल द्वारा डाली जा रही रिकवरी का ही व्यक्ति भुगतान कर रहा था, बाकी का भुगतान नहीं किया जा रहा था। आखिरकार ट्रिब्यूनल ने बैंक को व्यक्ति से रिकवरी के आदेश पारित कर दिए। आदेश मिलने के बाद केसीसी बैंक प्रबंधन ने पुलिस के पहरे में व्यक्ति के तीन मंजिला भवन पर अपना बोर्ड लगा दिया है। हमीरपुर शहर के साथ ही व्यक्ति का तीन मंजिला भवन है। इसके साथ ही भवन के कुछ हिस्सा अभी निर्माणाधीन था। बैंक द्वारा की गई कार्रवाई से अब निर्माण पर भी रोक लग गई है। अगर व्यक्ति ने जल्द बैंक को रुपयों का भुगतान नहीं किया तो सील की गई संपत्ति नीलाम की जाएगी। बैंक 20 लाख रुपए की रिकवरी के लिए इस संपत्ति को सील करेगा। जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से संबंधित एक व्यक्ति ने केसीसी बैंक डिडवीं टिक्कर से लाखों रुपए का लोन ले रखा था। इसने खुद व अपनी पत्नी के नाम पर बैंक से ऋण लिया। पत्नी के नाम पर 16 लाख 58 हजार रुपए लोन लिया गया। इसके बाद व्यक्ति ने अपने नाम पर भी तीन लाख रुपए का ऋण लिया। वर्ष 2012-13 में बैंक से लिए गए ऋण की भरपाई नहीं की जा रही थी। बैंक कई बार व्यक्ति को इसके बारे में अवगत करवा चुका था। इसके बाद व्यक्ति अपने पक्ष के मद्देनजर डीआरटी में चला गया। यहां मामला काफी समय तक विचाराधीन रहा। डीआरटी के निर्देशों के बावजूद ही कुछ समय तक रिकवरी होती रही। लगातार मनमानी के चलते डीआरटी ने भी बैंक के ही पक्ष में फैसला सुनाया है। इसके बाद डिडवीं टिक्कर बैंक के प्रबंधक तथा केसीसी बैंक के एजीएम ने व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की है। पुलिस की मौजूदगी में बैंक प्रबंधन ने व्यक्ति के मकान पर बैंक का बोर्ड लगा दिया है। अगर व्यक्ति ने जल्द बैंक को रुपयों का भुगतान नहीं किया तो बैंक कब्जे में ली गई संपत्ति को नीलाम कर सकता है। केसीसी बैंक डिडवीं टिक्कर के प्रबंधक सुभाष चंदेल ने बताया कि बैंक प्रबंधन ने हमीरपुर में कार्रवाई की है। भवन को बैंक ने अपने अधीन कर लिया है। ऋण का भुगतान न होने पर यह कार्रवाई की गई है। अगर जल्द रुपयों की अदायगी नहीं की गई तो बैंक जब्त की गई संपत्ति को नीलाम कर सकता है।