भक्ति से होते हैं प्रभु के दीदार

गगरेट  —विकास खंड गगरेट की ग्राम पंचायत अंबोटा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा महापुराण सप्ताह अब रोमांच पर पहुंच गया है। कथावाचक राजेश मोहन झा शास्त्री जी श्रीमद् भागवत के गूढ़ श्लोकों का सरल अनुवाद कर श्रोताओं को आनंदित कर रहे हैं। बुधवार को कथा सप्ताह के तीसरे दिन श्री राजेश मोहन झा शास्त्री जी ने ध्रुव की भक्ति का वर्णन करने के साथ दक्ष प्रजापति के यज्ञ में भगवान शिव के अपमान से क्षुब्ध होकर पावर्ती मां के सति होने का मार्मिक वर्णन किया। वहीं प्रसिद्ध भजन गायक सिकंदर शर्मा शास्त्री ने श्रोताओं को बेहतरीन भजन सुनाकर खूब आनंदित किया। कथा के दौरान बावा राकेश शाह ने गाय के हो रहे तिरस्कार की वेदना प्रकट की। श्री राजेश मोहन झा शास्त्री जी ने ध्रुव  के भगवान में अगाध विश्वास व प्रभु को पाने का वर्णन सुनाते हुए कहा कि ध्रुव को जब उसकी सौतेली मां सुरुचि ने राजगद्दी न देकर वन में जाकर प्रभु की भक्ति करने को कहा तो वह बुरी तरह से व्यथित हुए। उन्होंने यह बात अपनी मां सुनीति को बताई तो मां ने समझाया कि इसमें गलत क्या कहा है। मां की बात सुनकर ध्रुव वन क ी तरफ निकल पड़े। रास्ते में उन्हें नारद जी मिले और जब उन्होंने उनसे भगवान को पाने का तरीका पूछा तो नारद जी ने उन्हें ऊं नमः भगवतः वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करने को कहा। ध्रुव इस कद्र भगवान की भक्ति में लीन हुए कि स्वयं प्रभु को उनके पास आना पड़ा। मां पावर्ती के सति हो जाने का वृतांत सुनाते हुए उन्होंने बताया कि जब मां पावर्ती के पिता दक्ष प्रजापति ने यज्ञ का अनुष्ठान किया कि मां पावर्ती भगवान शंकर के समझाने के बावजूद पिता के घर चली गईं और वहां पर जब उसके पति का अपमान हुआ तो मां पावर्ती से यह अपमान सहन न हुआ और हवन कुंड में ही वह सति हो गईं। भगवान विष्णु द्वारा अपने शंख द्वारा सति के शरीर के अंगों को भंग किया गया। जहां-जहां यह अंग गिरे वही शक्ति पीठ कहलाए। गुरुवार को कथा में श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।