मंडी में किताबों के लिए नए ‘घर’ की तलाश

छात्रों की मांगों पर प्रशासन की पहल, जिला पुस्तकालय के लिए ढूंढी जा रही जगह

मंडी – जिला पुस्तकालय में जगह न मिलने के बाद गुरुवार को छात्रों ने पैदल मार्च किया तो अब प्रशासन ने भी जिला पुस्तकालय के लिए नई जगह तलाशने की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि शुक्रवार को भी हालात में कोई सुधार तो नहीं हुआ, लेकिन प्रशासन की ओर से युवाओं की कुछ मांगें मान ली गई हैं। बता दें कि 1958 से बनी डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी के पास अपना भवन तक नहीं है। समय के साथ-साथ पुस्तकालय में किताबों और पंजीकृत पाठकों की संख्या में तो इजाफा होता गया, लेकिन पढ़ाई के लिए जगह वही रही। आज के दौर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अधिकतर युवा जिला पुस्तकालय में ही पढ़ने आते हैं। शुक्रवार को भी कई युवा नौ बजे से पहले ही लाइन में लगना शुरू हो गए, लेकिन जिसे कुर्सी मिल गई वह बैठ गया और कुछ ने नीचे ही आसन लगा दिया। दोपहर बाद हालात सामान्य हुए और युवाओं को कुर्सियां नसीब हुईं, लेकिन सुबह से शाम तक हालात जस के तस ही हैं। गौरतलब हो कि जिला पुस्तकालय में करीब 140 लोगों की एक साथ बैठने की व्यवस्था है, लेकिन लाइब्रेरी में 2400 के करीब युवा पंजीकृत हैं। ऐसे में जिला लाइब्रेरी में एंट्री के लिए लंबी लाइनें लगना और धक्का-मुक्की होना आम बात है। इसी के चलते गुरुवार को युवाओं ने जिला लाइब्रेरी से परिधि गृह तक पैदल मार्च करने के बाद सांसद रामस्वरूप शर्मा को भी ज्ञापन सौंपा था। हालांकि गुरुवार को खुद एडीसी मंडी ने भी पुस्तकालय का दौरा किया था।

छात्रों को मिलेगा कूलर

जिला पुस्तकालय के बाहर पाठकों के लिए वाटर कूलर लगाया जाएगा। अतिरिक्त उपायुक्त मंडी राघव शर्मा ने कहा कि युवा पाठकों ने बाहर कूलर लगाने की मांग की थी। इसके अलावा पुस्तकालय की पुरानी अलामारियों को भी हटाया जाएगा। साथ ही अन्य दिक्कतें जल्द दूर की जाएंगी।

टाइप राइटर्ज शिफ्ट होंगे

युवाओं ने लाइब्रेरी के बाहर बैठने वाले टाइप राइटर्ज पर भी आपत्ति जताई थी, क्योंकि वहां बहुत शोर होता है। ऐसे में उनको भी शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है अब टाइप राइटर्ज के लिए भी उचित जगह ढूंढी जा रही है, ताकि जनता को दिक्कतों का सामना न करना पड़े और युवा पढ़ाई भी कर सकें।