मंडी में डाक्टरों ने लगाए काले बिल्ले

मंडी, सुंदरनगर – जिला भर के स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टरों ने शुक्रवार को काले बिल्ले लगाकर लंबित मांगें न मानने का विरोध किया। हिमाचल मेडिकल आफिसर्ज एसोसिएशन मंडी इकाई के अध्यक्ष डाक्टर जितेंद्र रुड़की ने बताया कि सभी मांगें चिकित्सकों और जनता के हित में हैं। ऐसे में सरकार को शीघ्र ही इस संदर्भ में कदम उठाना चाहिए। उधर, इकाई के महासचिव डाक्टर विकास ठाकुर ने बताया कि एचएमओए लंबित मुद्दों पर शीघ्र ही स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगी और धरातल स्थिति से उन्हें अवगत करवाएंगे। डाक्टर विकास ठाकुर ने बताया कि प्रदर्शन करने के जो कारण हैं, उनमें सरकारी डाक्टरों को पोस्ट ग्रेजुएशन में 50 फीसदी दाखिला रिजर्वेशन देने की मांग उठाई। एचएमओए के मुताबिक जो कैंडीडेट सीधे पीजी करता है, वह सरकारी अस्पताल में ज्यादा दिन नहीं टिकता है। यदि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत चिकित्सकों को 50 फीसदी इन सर्विस कोटा प्रदान करती है तो प्रदेश में ही कार्यरत चिकित्सक पीजी करने के बाद प्रदेश में ही सेवाएं देते रहेंगे अन्यथा अन्य प्रदेशों के चिकित्सक यहां पीजी करके वापस अपने प्रदेश लौट जाएंगे और प्रदेश विशेषज्ञ चिकित्सकों से वंचित ही रह जाएगा। ऐसे में सरकार से हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन मंडी इकाई का अनुरोध है कि चिकित्सकों के पलायन को रोकने के लिए 50 फीसदी सर्विस कोटा पहले की तरह पुनः लागू किया जाए। ऐसा करना प्रदेश की जनता के लिए हितकर है और जरूरी भी है। इसके साथ ही एचएमओए ने एनएमसी बिल का भी कड़ा विरोध किया। एसोसिएशन ने कहा कि अन्य पद्धतियों को एलोपैथी से दूर रखा जाए और उन्हें अपने अस्तित्व को जिंदा रखने का मौका दिया जाए। इसके अलावा एक काम एक तनख्वाह के लिए भी बहुत सालों से लड़ाई चल रही है। राज्य के सभी चिकित्सकों का वेतन केंद्रीय सरकार द्वारा दिए जा रहे वेतन के बराबर हो, इससे प्रदेश में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों का मनोबल बढ़ेगा, वे और अधिक निष्ठा से अपनी सेवाएं प्रदेश की जनता को दे पाएंगे।