सड़कों की जांच को बनेंगे विशेष उड़नदस्ते

एनएच के लिए सौ दिन में तैनात हो जाएंगे 58 कंसल्टेंट, आठ महीने में डीपीआर

शिमला— मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाएगा और जहां कहीं पर भी कमी रहेगी, उसमें संबंधित लोगों पर तुरंत कार्रवाई होगी। खुद मुख्यमंत्री कार्यालय सड़कों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के निर्धारण पर नजर रखेगा। सदन में लोक निर्माण विभाग से जुड़े कटौती प्रस्ताव पर विपक्ष के विधायकों द्वारा उठाए मुद्दों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच के लिए विशेष उड़नदस्ता गठित होगा, जो कि सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय के अधीन रहेगा। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उड़नदस्ता का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि तीन माह में प्रदेश सरकार ने 36 नेशनल हाई-वे के लिए कंसल्टेंट की तैनाती कर दी है, जबकि 12 कंसल्टेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने ऐलान किया कि 100 दिन के कार्यकाल में वर्तमान सरकार 58 एनएच के लिए कंसल्टेंट कंपनियों को नियुक्त कर देगी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ माह में नेशनल हाई-वे की डीपीआर तैयार कर केंद्र को भेज दी जाएगी। मरम्मत व निर्माण के दौरान सड़कों की गुणवत्ता से समझौता न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से फ्लाइंग स्क्वायड शिकायत मिलने पर औचक निरीक्षण के साथ उचित कार्रवाई करेगा। इसमें लोक निर्माण विभाग का कोई भी अधिकारी नहीं होगा। सरकार ने पहली बार ऐसी व्यवस्था की है तथा इससे सड़कों की गुणवत्ता के साथ-साथ निर्माण कार्य में पारदर्शिता भी आएगी। मुख्यमंत्री ने दोटूक कहा कि यदि सड़कों की गुणवत्ता व स्तर में कोई कमी आई तो उचित कार्रवाई अमल में जाई जाएगी। चर्चा के दौरान कई विधायकों द्वारा सड़कों की दशा को लेकर उठाए गए सवालों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उनसे सहमत हैं।

नाबार्ड के पेंडिंग प्रोजेक्टों पर चिंता

नाबार्ड में लंबित सड़कों पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सड़कों के कार्य में तेजी लाने के लिए नया तंत्र विकसित कर लंबित सड़कों की फोरेस्ट सहित अन्य क्लीयरेंस जल्द दिलाई जाएंगी। सदन में हुई इस चर्चा में विधायक नंदलाल, धनी राम शांडिल, राकेश सिंघा, विक्रमादित्य सिंह व राजेंद्र राणा ने भी विचार रखे और अपने क्षेत्रों की सड़कों के हालत को बयां किया।