सब्जी मंडियों पर सदन में बढ़ी तकरार

पिछली कांग्रेस सरकार ने बिना जरूरत खोल दीं 30 मंडियां, रामपुर पर बिगड़ गई बात

शिमला— पूर्व सरकार द्वारा खोली गई सब्जी मंडियों को लेकर गुरुवार को सदन में खूब तकरार हुई। मामला रामपुर में सब्जी मंडी को खोलने का था, जिस पर सामने आया कि पूर्व सरकार ने बिना जरूरत के ही ऐसी करीब 30 मंडियां खोल दी हैं, जिनसे कोई फायदा नहीं हो रहा है। कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने विधायक नंद लाल के सवाल पर कहा कि रामपुर में पहले से एक यार्ड स्थापित है, जिस पर 70 लाख खर्च हुए हैं। रामपुर में पूर्व सरकार ने 15 अगस्त, 2017 को सब्जी मंडी का शिलान्यास किया था, इसकी अभी तक न तो फोरेस्ट क्लीयरेंस हुई है और न ही प्राक्कलन तैयार किया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि रामपुर के डकोलड में पहले से ही सब मार्केट यार्ड है, जिस पर 70 लाख खर्च हो चुके हैं तथा यह रामपुर से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर है। इस पर विधायक नंद लाल का कहना था कि अधिकारी गलत बता रहे हैं, जबकि रामपुर में कोई सब्जी मंडी नहीं है। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि नई सब्जी मंडी जरूरत पर ही खुलेगी।

कार्यालय का निर्माण होगा

मुख्यमंत्री ने विधायक राजेश ठाकुर की तरफ से पूछे प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार तहसील कार्यालय घनारी व उपतहसील कार्यालय कलाह के भवन का निर्माण करेगी। तहसील कार्यालय घनारी के निर्माण को लेकर भूमि का चयन किया जा चुका है। साथ ही उपतहसील कलोह कार्यालय के निर्माण के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया चल रही है।

कांगड़ा को 1468 लाख

कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने विधायक अरुण कुमार को बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कांगड़ा जिला को तीन साल में 1468.81 लाख रुपए मिले हैं। योजना में आईपीएच के साथ उद्यान, बागबानी व ग्रामीण विकास विभाग भी शामिल हैं।

साल के शुरू में हों 20 सूत्री कार्यक्रम की बैठकें

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में शामिल योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए यह जरूरी है कि इसके लिए जिला स्तरीय बैठकें वित्तीय वर्ष के शुरू में ही आयोजित हों। राज्य सरकार इस पर विचार करेगी। विधायक राकेश सिंघा ने यह मामला सदन में उठाया।

जल्द शुरू होगा परेल पुल का काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि चंबा जिला में रावी पर परेल पुल का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था तथा 2005 में इसे पूरा किया गया। बारह साल के बाद यह पुल टूट गया, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिस कंपनी ने पुल का निर्माण पहले किया था, उसने विभाग को ऑफर दिया है कि वह इस पुल का निर्माण दोबारा करना चाहते हैं। नियमों के तहत ही इस पुल का निर्माण किया जाएगा।