भले ही समाज में बदलाव आया हों, लेकिन आज भी महिलाएं अपने-आप को सुरक्षित नहीं मान रही हैं। कानून महिलाओं के साथ है, परंतु इसके बावजूद महिलाओं पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इससे महिलाएं आहत हैं। समाज में आज भी लोग महिलाओं को घूरते हैं।
कुल्लू से मोहर सिंह पुजारी की रपट
पुरुषों से कम नहीं महिलाएं
रीना का कहना है कि आज कुल्लू की महिलाएं काफी सशक्त हैं और सामाजिक कार्यों में भी अहम योगदान अदा कर रही हैं। उनका कहना है कि कुल्लू की बात करें तो यहां पर महिलाएं पुरुषों से कम नहीं है। महिलाएं इसी तरह सशक्त होंगी तो कुल्लू में आने वाले समय में अपराधिक मामले सामने नहीं आएंगे।
महिलाओं पर अत्याचार जारी
विद्या देवी का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार होने का क्रम जारी है। उन्होंने बताया यहां महिलाओं और युवतियों पर अपराध हो रहे हैं। इससे कुल्लू भी अछूता नहीं रहा है। महिलाएं अेकेली घूम-फिर नहीं सकती है।
छात्राएं असुरक्षित
कुल्लू कालेज की छात्रा नीलम का कहना है कि अब समाज में काफी बदलाव तो आया है, लेकिन अभी भी समाज में ऐसे लोग हैं जो अपराध को अंजाम देकर समाज को बदनाम कर रहे हैं। स्कूल, कालेज की छात्राओं के साथ अपराधिक घटनाएं घट रही हैं। ऐसे में अब भी कई अभिभावक अपनी बेटियों को कालेज भेजने से कतरा रहे हैं। गुनाहकारों को फांसी जैसी सजा होना जरूरी है।
गुनहगारों को मिले सजा
गृहिणी सुमन का कहना है कि वैसे महिलाएं पुरषों के साथ-साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, लेकिन समाज में अभी भी ऐसे लोग हैं, जो महिलाओं पर अत्याचार कर रहे हैं। महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के मामले घटने का नाम नहीं ले रहे हैं। महिलाओं पर अत्याचार करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहि।
भेदभाव-कुरीतियों का हो अंत
ऊझी घाटी की बेसरू देवी का कहना है कि आजादी के इतने दशक बीत जाने के बाद भी महिलाएं सुरक्षित नहीं दिख रही हैं। हालांकि महिलाओं के लिए बड़ी-बड़ी कल्याणकारी योजनाएं बनाई हैं, लेकिन कई महिलाओं को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। कुल्लू में भेदभाव की कुरीतियां खत्म नहीं हो रही है।
हर क्षेत्र में महिलाएं आगे
खुशबू भारद्वाज का कहना है कि आज युवतियां पढ़ाई के साथ-साथ कलाकारी में आगे हैं। आज युवतियां अपने आम में सक्ष्म हैं। कानून महिलाओं के साथ है और समाज में काफी बदलाव आ गया है। प्रदेश में हो रहे अत्याचार से युवतियां आहत हैं।