सरकारें आज तक काम नहीं रोक पाईं

धर्मशाला —खेल नगरी धर्मशाला में नेताजी सुभाष चंद्र बोस मैदान के समीपवर्ती मैदान में वर्ष 2016 में बास्केटबाल कोर्ट को उखाड़ कर पुलिस के नॉर्थ जोन आईजी कार्यालय भवन का निर्माण कार्य आरंभ हुआ था। मैदान में इस भवन निर्माण के मामले को प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ ने प्रमुखता से उठाया था। ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा शुरू की गई इस मुहिम के बाद स्थानीय बांशिदे भी हरकत में आ गए और इस मैदान में हो रहे भवन निर्माण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने लगे। इस भवन निर्माण के खिलाफ स्थानीय युवाओं व खेल प्रेमियों ने मामले को जिला प्रशासन सहित पूर्व की कांग्रेस सरकार के खिलाफ भी उठाया। धर्मशाला में प्रवास पर पहुंचे राज्यपाल तथा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समक्ष भी मामले को उठाया गया था।  इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री  ने धर्मशाला में आयोजित पुलिस की एथलीट मीट के समापन के दौरान मंच से ही इस निर्माण कार्य को बंद करने के मौखिक आदेश जारी कर दिए थे, जिसके बाद तत्काल प्रभाव से इस निर्माण कार्य को बंद किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री के मौखिक आदेशों के बावजूद इस निर्माण कार्य को रोकने के लिए कोई लिखित अधिसूचना जारी नहीं हुई थी, जिसके चलते प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही इस निर्माण को शुरू कर दिया गया। दोबारा से इस निर्माण कार्य को शुरू करने के चलते स्थानीय लोगों ने इसका पुरजोर विरोध आरंभ कर दिया है।  स्थानीय लोगों में प्रेम सागर, धर्मपाल गर्ग, सुभाष व अतुल भारद्वाज सहित अन्य खेल प्रेमियों की मांग की है कि इस मैदान में किसी भी प्रकार के भवन का निर्माण न करवाकर इसके सौंदर्यीकरण और इसे खेल गतिविधियों की दृष्टि से विकसित किया जाना चाहिए। लोगों का कहना है कि पुलिस के आईजी कार्यालय को अन्य स्थान पर भी स्थानांतरित किया जा सकता है। इसके लिए स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन को इस कार्यालय को पुलिस अधीक्षक कार्यालय अथवा पुलिस बटालियन सकोह में स्थानांतरित करने की भी बात कही है।

पुलिस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी

आईजी कार्यालय निर्माण के खिलाफ स्थानीय लोगों द्वारा हाल ही में शांतिपूर्वक ढंग से भी अपना विरोध दर्ज करवाया जा चुका है। शनिवार को भी स्थानीय लोगों ने इस भवन निर्माण के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री व मंत्रियों को ज्ञापन भेजकर इस कार्य को बंद करवाने की मांग की है।

खेल विभाग के सुपुर्द किया जाए मैदान

लोगों की मांग है कि इस मैदान को पुलिस के कब्जे से लेकर खेल विभाग के सुपुर्द किया जाए तथा इसे खेल गतिविधियों के लिए विकसित किया जाए। इतना ही नहीं , इस निर्माण कार्य को बंद न करने पर अब स्थानीय लोगों ने इस आंदोलन को और अधिक उग्र रूप देने की भी चेतावनी दी है।